जहर बुझे पत्र से जान लेना चाहते थे आतंकी!

Webdunia
बुधवार, 20 अगस्त 2014 (16:30 IST)
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नई दिल्ली। इंडियन मुजाहिदीन ऐसे लोगों को मारने के लिए उन्हें ‘जहर बुझे पत्र’ भेजने की योजना बना रहा था जिन्हें वह शिकार बनाना चाहता था। कथित रूप से गैरकानूनी हथियार फैक्टरी स्थापित किए जाने के मामले में आतंकवादी संगठन के 6 संदिग्ध लोगों के खिलाफ अदालत में दाखिल किए गए अपने आरोपपत्र में पुलिस ने यह खुलासा किया है।

अपने पूरक आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान आईएम के संदिग्ध उग्रवादियों तहसीन अख्तर और मोहम्मद वकार अजहर ने बताया था कि उन्होंने उपलब्ध रसायनों से जहर बनाने का प्रयास किया था।

आरोपपत्र में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों वकार और तहसीन ने खुलासा किया कि उन्होंने मैग्नीशियम सल्फेट, एसीटोन और कैस्टर सीड्स जैसे उपलब्ध रसायनों की मदद से जहर बनाने की कोशिश की थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में कहा गया है कि जहर बनाने के पीछे उनका मकसद जहर बुझे पत्र भेजकर अपने शिकार को निशाना बनाना था। वकार से ये रसायन बरामद किए गए हैं।

पूरक आरोपपत्र में पुलिस ने आईएम के शीर्ष सदस्यों तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान, मोहम्मद वकार अजहर, मोहम्मद मारुफ, मोहम्मद साकेब अंसारी तथा इम्तियाज आलम का नाम आरोपी के रूप में लिया है। इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी को गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सशस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आरोपित किया गया है।

अगले पन्ने पर... इन ऐतिहासिक स्थानों पर भी थी नजर...


अपने आरोपपत्र में पुलिस ने कहा है कि आईएम सदस्यों ने बम विस्फोट करने के लिए आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल और आगरा किले की टोह ली थी तथा राजस्थान का भरतपुर भी उनके लक्ष्यों में से एक था।

पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान 18 अप्रैल 2014 को आरोपी साकेब अंसारी अपने खुलासे के बाद पुलिस टीम को उत्तरप्रदेश के आगरा में ‘केजीएन’ नाम के होटल में ले गया, जहां वह बरकत (आईएम संदिग्ध) के साथ 7 मार्च 2014 को ठहरा था। ये दोनों रियाज भटकल के निर्देश पर विस्फोट करने के लिए आगरा के किले, ताजमहल आदि की टोह लेने के लिए आगरा गए थे।

अपनी इंटरनेट चैटिंग में इन आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए कूट शब्दों का ब्योरा देते हुए पुलिस ने बताया कि आईएम के सह संस्थापक यासिन भटकल को 'भैया' कहा जाता था जबकि विस्फोटकों के लिए 'सीवी' तथा आईएम के शीर्ष आतंकवादी इकबाल भटकल के लिए 'बेब' नाम का इस्तेमाल किया जाता था।

पुलिस ने दावा किया है कि अल कायदा तथा तालिबान के लिए ‘बड़े’ और पाकिस्तान के लिए 'गांव' शब्द का इस्तेमाल किया जाता था।

यहां एक अवैध हथियार फैक्टरी स्थापित किए जाने के मामले में पुलिस ने 8 अगस्त को आरोपपत्र दाखिल किया था। इस फैक्टरी से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद बरामद किया गया था। यह मामला सुनवाई के लिए गुरुवार को अदालत के सामने आएगा। (भाषा)
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