7 आरसीआर का नाम सुनते ही हमारे मन में प्रधानमंत्री के बंगले का ख्याल आने लगता है, लेकिन यह सिर्फ एक बंगला नहीं है। यह 5 बंगलों 1, 3, 5, 7, और 9 को मिलाकर बना बंगलों का कॉम्प्लेक्स है। यह 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसका आधिकारिक नाम पंचवटी है। इस पूरे कॉम्प्लेक्स को 7 आरसीआर इसलिए कहा जाता है क्योंकि बंगला नंबर 7 में प्रधानमंत्री का आधिकारिक कार्यस्थल है। पीएमओ साउथ ब्लॉक में है।
1. बंगला नंबर 1. इस बंगले में एक हैलीपेड है। यहां से जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री कहीं भी उड़ान भर सकते हैं।
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2. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 10 सालों तक बंगला नंबर 3 को अपना आवास बनाया था। वे अपने परिवार के साथ बंगला नंबर 3 में रहे थे। राजीव गांधी और अटलबिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में इसी बंगले को चुना था। अब नरेन्द्र मोदी ने इसी बंगले को अपने निवास के बार में चुना है।
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3. 7 आरसीआर स्थित पूरा कॉम्प्लेक्स नो फ्लाई जोन है। इसके ऊपर से कोई विमान, हेलीकॉप्टर नहीं उड़ सकता है। बंगले के अंदर की फोटो नहीं ली जा सकती है। आसपास से बंगले के अंदर की गतिविधि भी नहीं देखी जा सकती है। पूरे कॉम्प्लेक्स की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी पर रहती है।
अगले पन्ने पर, क्या सुविधाएं हैं...
4. 60 पसर्नल स्टाफ काम करता है जिन्हें कड़ी निगरानी के बाद रखा जाता है। घर के कार्यों के लिए माली, बॉवर्ची और अन्य कार्यों के लिए एक टीम।
अगले पन्ने पर, रिश्तेदारों का प्रवेश भी नहीं आसान...
5. कॉम्प्लेक्स में जाने का एक ही रास्ता है, इस पर एसपीजी का कड़ा सुरक्षा घेरा रहता है। प्रधानमंत्री के बंगले में जाने के लिए कई सुरक्षा घेरे पार करने पड़ते हैं। करीबियों और परिचितों के लिए भी बंगले में प्रवेश करना आसान नहीं होता है। चाहे कितना भी करीबी हो, उसे पहले सूचना देकर अनुमति लेना पड़ती है। इसके बाद एसपीजी की अनुमति मिलती है और उसे सुरक्षा घेरे से गुजरकर जाना पड़ता है।
अगले पन्ने पर, कभी बिजली नहीं जाती है यहां...
6. यहां पर पॉवर सब सेंटर है, जिसके चलते कभी बिजली नहीं जाती है।
अगले पन्ने पर, मनोरंजन के लिए खास इंतजाम...
मनोरंजन के लिए समय-समय पर फिल्मों की स्क्रिनिंग की स्पेशल व्यवस्था।
अगले पन्ने पर, 24 घंटे चिकित्सा की विशेष व्यवस्था...