इतने वेतन और भत्ते मिलने के बाद भी ये जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार और अनुपयोगी तरीके से धन कमाने में लगे रहते हैं। इस वर्ष जून के अंत में बजट पेश होगा, लेकिन चुनाव आयोग के रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही ये सांसद वेतन और भत्तों के पात्र हो जाते हैं। एक तरह से कहा जाए तो सांसदों को वेतन से ज्यादा भत्ते प्राप्त होते हैं।
* लोकसभा और राज्यसभा के सांसद कार्यकाल के दौरान 50 हजार रुपए का वेतन मिलता है।
* अगर सांसद संसद भवन में रखे रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हैं तो उन्हें 2000 रुपए हर रोज का भत्ता मिलता है।
* एक सांसद अपने क्षेत्र में कार्य कराने के लिए 45000 रुपए प्रतिमाह भत्ता पाने का हकदार होता है।
* कार्यालयीन खर्चों के लिए एक सांसद को 45000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। इसमें से वह 15 हजार रुपए स्टेशनरी और पोस्ट आइटम्स पर खर्च कर सकता है। इसके अलावा अपने सहायक रखने पर सांसद 30 हजार रुपए खर्च कर सकता है।
* मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत सांसद अपने क्षेत्र में 5 करोड़ रुपए प्रतिमाह का खर्च करने की सिफारिश कर सकता है।
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