नफरत फैलाने वाले भाषणों पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट...

Webdunia
बुधवार, 12 मार्च 2014 (12:37 IST)
FILE
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को विधि आयोग से राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के नेताओं के कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के मुद्दे को देखने तथा इस तरह के भड़काऊ बयानों को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तय करने पर विचार करने को कहा है।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान के नेतृत्व वाली पीठ ने खुद दिशा-निर्देश तय करने से इनकार करते हुए आयोग से कहा कि इस मामले को वह देखे और अपनी सिफारिश केंद्र को सौंपे।

न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन प्रवासी भलाई संगठन द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया । याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस तरह की चीजों को रोकने के लिए दिशा निर्देशों की आवश्यकता है क्योंकि नफरत फैलाने वाले भाषण लोकतंत्र के ताने बाने को नष्ट करते हैं और संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं।

जनहित याचिका में प्रतिवादी के रूप में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के नाम लिए गए थे क्योंकि दोनों राज्यों में कथित नफरत फैलाने वाले भाषण हुए।

याचिका में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के कथित नफरत फैलाने वाले भाषणों का जिक्र किया गया और दावा किया गया है कि राज्य में उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।

जनहित याचिका में कहा गया कि आंध्र प्रदेश में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन के नेता अकबरूद्दीन ओवैसी ने कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण दिए और उनके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के नांदेड़ में फिर से इस तरह के भाषण दिए। (भाषा)

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?