बजट : दादा ने 'उम्मीदों' पर पानी फेरा

आयकर में मामूली राहत, सर्विस टैक्स बढ़ाया

Webdunia
शुक्रवार, 16 मार्च 2012 (20:54 IST)
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आम बजट से भारी उम्मीद लगाए आम आदमी को शुक्रवार को निराश होना पड़ा, जब केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत आयकर में खास राहत नहीं दी और सेवा कर समेत विभिन्न करों में वृद्धि कर जनता पर 46 हजार करोड रुपए का अतिरिक्त बोझ लाद दिया।

आयकर दाताओं को मामूली राहत : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में वर्ष 2012-13 का आम बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर छूट की न्यूनतम सीमा एक लाख 80 हजार रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने की घोषणा की जिससे कर दाताओं को साल भर में महज दो हजार साठ रुपए का फायदा होगा, लेकिन इसी के साथ सेवाकर दस प्रतिशत से बढ़ाकर बारह प्रतिशत करके आम आदमी पर बोझ बढ़ा दिया।

देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये बजट में ग्रामीण क्षेत्र और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं पर विशेष जोर देते हुए इन क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं। रक्षा, कृषि, शिक्षा, राजमार्ग तथा ऊर्जा क्षेत्र और ग्रामीण परियोजनाओं के लिए चालू वर्ष के मुकाबले अगले वर्ष के लिए बजटीय प्रावधान में वृद्धि की गई है।

सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में मजबूती से अपने कदम बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए तमाम विरोधों के बावजूद फुटकर करोबार में विदेशी निवेश पर आम सहमति बनाने पर जोर दिया। कुछ क्षेत्रों में सब्सिडी घटाने पर जोर देते हुए कुल सब्सिडी को सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी दो प्रतिशत से नीचे रखने और अगले तीन वर्षों में इसे घटाकर एक दशमलव 75 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है।

तंबाकू उत्पाद महंगे : बजट में किए गए प्रावधानों से अब सोना, गैर ब्रांडेड जेवरात, कार, फ्रिज, एयर कंडीशनर, सीमेंट, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटका, तंबाकू आदि महंगे हो जाएंगे। करों में दी गई रियायत से चांदी, सीएफएल बल्ब, आयोडीन नमक, माचिस, रद्दी कागज, एलसीडी, एलईडी टेलीविजन, ब्रांडेड रेडीमेड परिधान, मोबाइल फोन के मेमोरी कार्ड और ऊन आदि सस्ते होने की संभावना है।

पूंजी बाजार की स्थिति को देखते हुए बजट में सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचकर संसाधन जुटाने के लक्ष्य को चालू वित्त वर्ष के 40 हजार करोड़ रुपए के मुकाबले घटाकर 30 हजार करोड़ रुपए किया गया है। सरकार को इस साल विनिवेश से केवल 15 हजार करोड़ रुपए की प्राप्ति ही हो सकी है।

सेवाकर 12 फीसदी बढ़ा : सेवाकर का दायरा और कर की दर को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने से सरकार को 18 हजार 660 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए वित्तमंत्री ने खेती और सहकारिता की मद बजट को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 20 हजार 208 करोड़ रुपए किए जाने की घोषणा की है।

किसानों को राहत : किसानों को ऋण सुलभता बढ़ाने के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को चालू वित्त वर्ष के मुकाबले एक लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर पांच लाख 75 हजार करोड़ रुपए किया गया है। किसान को दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है।

विकास गति को बढ़ावा देने के लिए बजट में ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अगले पांच वर्ष के दौरान 50 लाख करोड़ रुपए निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से आधी राशि निजी क्षेत्र से आने की उम्मीद है।

करमुक्त बॉन्ड जारी होंगे : आगामी वित्त वर्ष के लिए बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं के वित्त पोषण को ध्यान में रखते हुए 60 हजार करोड़ रुपए के कर मुक्त बांड जारी किए जाएंगे। यह राशि चालू वित्त वर्ष की तुलना में दोगुनी है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत 2012-13 में 8800 किलोमीटर का लक्ष्य निर्धारित किया है और मंत्रालय का आवंटन 14 प्रतिशत बढ़ाकर 25360 करोड रुपए किया है।

सरकार ने वित्तीय सेहत का भी ध्यान रखा है और आगामी वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे को 2011-12 के संशोधन अनुमान 5.9 प्रतिशत के मुकाबले जीडीपी का 5.1 प्रतिशत लाने का लक्ष्य रखा गया है।

उड्‍डयन क्षेत्र को राहत : संकट से जूझ रहे देश के उड्डयन क्षेत्र को राहत देने के उद्देश्य से एक वर्ष के लिए विदेशों से एक अरब डॉलर तक जुटाने की अनुमति दी है। सरकार ने कहा है कि उड्डयन क्षेत्र में 49 प्रतिशत तक विदेशी निवेश पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

रक्षा बजट बढ़ाया : देश में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए बजट में करीब 30 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि कर रक्षा मंत्रालय के लिए एक लाख 93 हजार 407 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। नए हथियारों और साजोसामान की खरीदारी के लिए करीब 80 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इस तरह रक्षा बजट में 17.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

सार्वजनिक बैंकों और सरकारी वित्तीय संस्थाओं की हालत मजबूत करने के लिए 15 हजार 888 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते सरकार एक कंपनी गठित करने की संभावना भी तलाश रही है।

खाद्य सब्सिडी बढ़ाई : सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए खाद्य सब्सिडी को 2177 करोड रुपए बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष की संशोधित राशि 72823 करोड़ रुपए से 75000 हजार करोड़ कर दिया है, किंतु उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी में भारी कमी की गई है। पेट्रोलियम सब्सिडी को 24901 करोड़ रुपए घटाकर 68481 करोड़ रुपए से 43580 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है। उर्वरक सब्सिडी 6225 करोड़ रुपए कम कर 67199 करोड़ रुपए से 60974 करोड़ रुपए किए जाने का प्रावधान है।

आगामी वित्त वर्ष के लिए 1490925.29 करोड़ रुपए के बजट में से योजनागत मद में 521025 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। गैर योजना मद के लिए 969900.29 करोड़ रुपए रखे गए हैं। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के लिए गैर योजनामद में 129998 करोड़ रुपए और योजना मद में 391027 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सार्वजनिक उपक्रमों के लिए 260482.25 करोड़ रुपए गए हैं।

राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना : बजट में बचत को प्रोत्साहन देने और घरेलू पूंजी बाजार की संरचना में सुधार के लिए राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना नाम से नई योजना शुरू करने का प्रस्ताव है। इस योजना के तहत नए खुदरा निवेशकों को 50 प्रतिशत की आयकर कटौती की अनुमति दी जाएगी, जो 50 हजार रुपए सीधे इक्विटी में निवेश करेंगे और जिनकी आय दस लाख रुपए सालाना से कम होगी। इस योजना के तहत तीन वर्ष से पहले पैसे नहीं निकाले जा सकेंगे। योजना का ब्योरा शीघ्र घोषित किया जाएगा।

पूंजी बाजार में सुधारों की गति तेज करने के लिए विदेशी निवेशकों को भारतीय कार्पोरेट बॉन्ड बाजार में निवेश की अनुमति प्रदान करना, प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव आईपीओ जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाना, उनकी लागत कम करना तथा कंपनियों को छोटे कस्बों में अधिक खुदरा निवेशकों तक पहुंच बनाने में मदद करना शामिल है।

राजकोषीय घाटा : बजट में कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंजों के राष्ट्रव्यापी ब्रोकर नेटवर्क के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रूप में 10 करोड़ तथा अधिक की राशि के आईपीओ जारी करने को अनिवार्य बनाया गया है। बजट में 513590 करोड रूपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत है। यह 2011-12 में सकल घरेलू उत्घ्पाद का 5.9 प्रतिशत अर्थात 521980 करोड रुपए था। बजट अनुमान 2012-13 में प्रभावी राजस्व घाटा 185452 करोड रुपए है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 1.8 प्रतिशत है।

जीवन रक्षक दवाएं सस्ती : बजट में एचआईवी-एडस, गुर्दे का कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार अथवा निवारण में प्रयोग की जाने वाली 6 विशिष्ट जीवनरक्षक दवाओं और टीकों को उत्पाद-शुल्क सीवीडी से पूर्ण छूट देने के साथ ही उन्हें 5 प्रतिशत के रियायती बुनियादी सीमा-शुल्क का भी फायदा देने का प्रस्ताव किया गया है।

सोया उत्पाद भी होंगे सस्ते : महिलाओं और बच्चों में प्रोटीन की कमी के कारण देश में कुपोषण को देखते हुए सोया प्रोटीन और आईसोलेटिड सोया प्रोटीन पर बुनियादी सीमा-शुल्क को क्रमश: 30 प्रतिशत अथवा 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। सभी प्रसंस्कृत सोया खाद्य उत्पादों पर उत्पाद-शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत किया जाएगा।

मुखर्जी ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक के सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है, इसलिए उन्होंने आयोडीन पर 6 प्रतिशत के घटे हुए उत्पाद शुल्क के साथ ही 2.5 प्रतिशत के रियायती बुनियादी सीमा-शुल्क की व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया।

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अधीन आबंटन में 37 प्रतिशत वृद्धि करते हुए बजट में इसे 8447 करोड रूपए करने और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना के अधीन प्रति व्यक्ति मासिक पेंशन 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रूपए करने की भी घोषणा की गई। वित्तमंत्री ने बीपीएल परिवार के प्रमुख रोजी कमाने वाले सदस्य की मृत्यु होने पर राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के तहत मिलने वाली मौजूदा 10 हजार रुपए की एकमुश्त अनुग्रह राशि को दुगना करके 20 हजार रुपए करने का प्रस्ताव किया।

6000 मॉडल स्कूल खुलेंगे : शिक्षा क्षेत्र पर जोर देते हुये श्री मुखर्जी ने बताया कि बारहवीं योजना में 6000 मॉडल स्कूल खोले जाएंगे, जिनमे से 2500 को निजी क्षेत्र की भागीदारी से खोले जाने का प्रस्ताव है। सर्व शिक्षा अभियान के लिए 25555 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो मौजूदा वित्त वर्ष की तुलना में 21.7 प्रतिशत अधिक है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 3124 करोड रुपए का आवंटन किया गया, जो 2011-12 की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है। योग्य छात्रों को शिक्षा ऋण सुनिश्चित करने के लिए एक ऋण गारंटी कोष स्थापित किया जाएगा। विद्यालयों में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए 11937 करोड़ रुपए रखे गए हैं। मौजूदा साल के बजट में इसके लिए 10380 करोड रुपए रखे गए थे।

पेंशन, छात्रवृत्ति सीधे खाते में : मुखर्जी ने कहा कि यूआईडी-आधार व्यवस्था अब मनरेगा, वृद्धावस्था, विधवा और अक्षमता पेंशन तथा छात्रवृत्तियों के भुगतान से संबंधित क्षेत्रों में सीधे ही लाभार्थी के खाते में जमा कराने के लिए तैयार है। आधार प्रणाली में नामांकनों की संख्या 20 करोड के पार हो गई है और अब तक 14 करोड़ आधार नंबर सृजित किए जा चुके हैं। उन्होंने आगामी वित्त वर्ष में अन्य 40 करोड नामांकन पूरे करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करने की घोषणा की। ( एजेंसी)

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