महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि वे ही महिलाएं सोसाइटी के विकास में योगदान करती हैं जो मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं तथा शिक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की अवधारणा अक्टूबर 2009 में बनी थी। इस कार्यक्रम के तहत एक करोड़ सबला लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की 'अहिंसा दूत स्कीम' का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा रोकना और उनमें अपने अधिकारों के प्रति चेतना पैदा करना है। योजना के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे। योजना को आंगनवाड़ियों, पंचायतीराज संस्थाओं आदि के माध्यम से लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर महिला और बाल विकास सचिव नीता चौधरी, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सबला कार्यक्रम के तहत ट्रेंड कई सबला लड़कियां और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वर्तिका नंदा ने किया।