भविष्य की वार्ताओं के नियमों का आधार बनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'कोई भी अर्थपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत के लिए जरूरी है कि आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण बने।'
मोदी ने जापान के मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण, मित्रतापूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है। शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के द्विपक्षीय ढांचे के तहत भारत को पाकिस्तान के साथ किसी भी लंबित मामले पर चर्चा करने में कोई हिचक नहीं है।
प्रधानमंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे 25 अगस्त को पाकिस्तान के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तरीय वार्ता को रद्द करने के बारे में पूछा गया था। वार्ता से पहले भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात करने पर भारत ने बातचीत रद्द करने का फैसला किया था।
मोदी ने कहा, 'हम इस बात से निराश हुए है कि पाकिस्तान ने इन प्रयासों का (वार्ता का) तमाशा बनाने का प्रयास किया और विदेश सचिव स्तरीय वार्ता से एकदम पहले जम्मू कश्मीर के अलगाववादी तत्वों से बातचीत पर आगे बढ़े।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और सहयोगपूर्ण संबंध बनाने के प्रयास करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जब मई 2014 में उनके शपथ ग्रहण समारोह में यहां आए थे तब उनकी उनके साथ बहुत अच्छी बैठक हुई थी।
मोदी ने कहा, 'हमने एक साथ फैसला किया कि विदेश सचिवों को मिलना चाहिए और देखना चाहिए कि संबंधों को आगे कैसे ले जाया जाए।' (भाषा)