रांची के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (कानून एवं व्यवस्था) एवं बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि लालू ने चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद पहले विशेष सीबीआई अदालत से ही अपने साथ जेड प्लस सुरक्षा रखने की अनुमति मांगी लेकिन अदालत ने इसकी अनुमति उन्हें नहीं दी।
बाद में लालू जब बिरसा मुंडा जेल लाए गए तो वहां भी जेल में प्रवेश करते समय उन्होंने जेल अधिकारियों से अपनी एनएसजी सुरक्षा अपने साथ रखने देने का अनुरोध किया लेकिन नियमों के तहत ऐसा न किए जा सकने की बात उन्हें बता दी गई। इसके बाद जेल के बाहर से ही लालू की एनएसजी सुरक्षा लौटा दी गई।
यादव को गृह मंत्रालय ने जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कर रखी है, जिसमें उन्हें तीस ब्लैक कैट कमांडोज का सुरक्षा घेरा मिलता था। लालू को उच्च श्रेणी (अपर डिविजन क्लास) के एक कक्ष में अकेले रखा गया है। (भाषा)