सरकारी विज्ञापन पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट...

Webdunia
बुधवार, 23 अप्रैल 2014 (15:58 IST)
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक लाभ की खातिर सरकार और इसके अधिकारियों द्वारा समाचार-पत्रों एवं टेलीविजन में विज्ञापन देकर सार्वजनिक फंड का दुरुपयोग रोकने के मकसद से दिशा-निर्देश बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है।

मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि सार्वजनिक राजकोष की कीमत पर दिए जाने वाले ऐसे विज्ञापनों के नियमन के लिए मौलिक दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है और इसके लिए 4 सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है।

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के पूर्व निदेशक एनआर माधव मेनन, पूर्व लोकसभा सचिव टीके विश्वनाथन, वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव इसके सदस्य होंगे। उच्चतम न्यायालय ने समिति को 3 महीने में अपनी रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

न्यायालय ने गैरसरकारी संगठनों (एनजीओ) कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की जनहित याचिकाओं पर यह आदेश दिया है। इन एनजीओ ने दिशा-निर्देश बनाने की अपील की थी। (भाषा)
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