सुप्रीम कोर्ट ने दिया केंद्र व उप्र सरकार को नोटिस

Webdunia
सोमवार, 18 नवंबर 2013 (15:51 IST)
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नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर में हाल में हुए दंगों के मामले की जांच राज्य पुलिस से लेकर किसी स्वतंत्र एजेंसी को देने की मांग करने वाले आवेदन पर गौर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र और उत्तरप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम के नेतृत्व वाली पीठ ने सरकार से इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा और सुनवाई को 21 नवंबर तक स्थगित कर दिया।

अदालत ने यह आदेश मेरठ की जाट महासभा की उस जनहित याचिका पर दिया जिसमें उत्तरप्रदेश पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए जांच किसी अन्य एजेंसी से कराने की अपील की गई थी।

पीठ ने कहा कि वह इस याचिका की सुनवाई मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ करेगी। उच्चतम न्यायालय मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 7 सितंबर को मुजफ्फरनगर और उससे सटे पश्चिमी उत्तरप्रदेश के अन्य इलाकों में शुरू हुए इन सांप्रदायिक दंगों में 61 लोग मारे गए थे।

पहले राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर के 58 राहत शिविरों में शरण लेने वाले 50,955 लोगों में से 41,000 लोग अपने मूल स्थानों पर लौट आए हैं।

हालांकि सहारनपुर के संभागीय आयुक्त द्वारा दाखिल की गई स्थिति रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया कि लगभग 10,000 लोग अभी भी 10 संचालित शिविरों में रह रहे हैं और मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित 6 गांवों के निवासी विश्वास बहाली के प्रयासों और गंभीर अनुरोधों के बावजूद अपने मूल स्थानों पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि 7-8 सितंबर को हुई घटनाओं से पैदा हुए डर को देखते हुए उनका यह फैसला न्यायसंगत लगता है। इसमें कहा गया कि राज्य सरकार ने पुनर्वास के लिए उन परिवारों को 5-5 लाख रुपए देने का फैसला किया है, जो अपने घर वापस नहीं जाना चाहते। उच्चतम न्यायालय इस रिपोर्ट पर 21 नवंबर को गौर करेगा।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाओं से जुड़ी विभिन्न प्राथमिकियों के संदर्भ में अब तक 581 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने 61 मृतकों के परिवारों को 6.15 करोड़ रुपया दिया है। इसके अलावा गंभीर रूप से घायल 35 लोगों को 17.50 लाख रुपए और मामूली रूप से चोटिल हुए 47 लोगों को 9.40 लाख रुपया दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि केंद्र ने उनके लिए 1.49 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

राज्य सरकार दंगों में मारे गए 56 लोगों में से हर एक परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी। इस रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा राहत शिविरों में किए गए प्रबंधों की भी जानकारी दी गई। इन प्रबंधों में चिकित्सीय सुविधाएं और पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे शामिल हैं। (भाषा)

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