'हेलमेट' मामले में सख्‍त हुआ हाईकोर्ट

Webdunia
बुधवार, 27 अगस्त 2014 (19:15 IST)
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जबलपुर। दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट की अनिवार्यता एवं यातायात नियमों के पालन को लेकर उच्च न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाते हुए प्रदेश के गृह सचिव को निर्देशित किया है कि वे हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर की गई कार्यवाही की रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ पेश करें।

मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति आलोक अराधे की युगल पीठ ने मंगलवार को इस मामले में शासन को मोहलत प्रदान करते हुए मामले की सुनवाई 16 सितंबर को नियत की है।

वर्ष 2006 में साइंस कॉलेज के सहायक प्रोफेसर एके बाजपेयी ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को हेलमेट को लेकर दिसंबर 2005 में जारी आदेश का अमल सुनिश्चित करने के लिए पत्र भेजा था। इसकी जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करने के निर्देश तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने दिए थे।

याचिका में कहा गया था कि बगैर हेलमेट के वाहन चलाने एवं उस दौरान मोबाइल फोन का प्रयोग और तीन सवारी को लेकर न्यायालय ने सख्त आदेश जारी किए थे, लेकिन कहीं भी उसका पालन नहीं किया जा रहा है।

आवेदक का कहना है कि वाहन चालकों के हेलमेट न पहनने एवं यातायात नियमों का पालन न किए जाने से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा पत्र में कहा गया था कि वाहन डीलरों को कम दाम पर हेलमेट उपलब्ध कराने की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए। साथ ही लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया जाए।

पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद भी पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उसका पालन सुनिश्चित नहीं करा पा रहे। सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने गृह सचिव को उक्त निर्देश दिए। (भाषा)

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