Essay on Navratri: नवरात्रि 2023 के लिए विशेष निबंध

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नवरात्रि का महोत्सव आ गया है और देश के हर कोने में नवरात्रि के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। नवरात्रि के 9 दिन हिंदू धर्म के लिए बहुत खास होते हैं। साथ ही बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों में नवरात्रि को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व में कई स्कूल में छुट्टियां भी होती हैं लेकिन इन छुट्टियों में ढेर सारा होमवर्क भी मिल जाता है। नवरात्रि के पर्व पर हर स्टूडेंट को नवरात्रि पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। अगर आपको भी इस तरह का होमवर्क मिला है तो घबराइए नहीं हम आपके लिए लेकर आए हैं नवरात्रि 2023 पर विशेष निबंध। 
 
नवरात्रि पर निबंध | essay on navratri
साल में चार नवरात्र‍ि आती है। चैत्र माह में चैत्र नवरात्र‍ि, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र, पौष माह में भी गुप्त नवरा‍त्रि और आश्‍विन माह में शारदीय नवरात्र‍ि। हर नवरात्र‍ि की परंपरा और इतिहास अलग-अलग है। इन सभी नवरात्रियों में शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन माता दुर्गा की पूजा की जाती है।

साथ ही बंगाल में दुर्गा पूजा एक बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा त्यौहार माना जाता है। वहीँ दूसरी ओर इन 9 दिनों में गुजरात की हर गली में गरबा और डंडिया का जश्न होता है। भारत के हर राज्य में नवरात्रि के 9 दिन बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि का इतिहास क्या है? 
 
नवरात्रि का इतिहास : नवरात्रि का पर्व प्राचीन काल से ही मनाया जा रहा है। माता कात्यायनी दुर्गा ने देवताओं के अनुरोध पर महिषासुर का वध किया था। माता का नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध हुआ और दसवें दिन उसका वध हुआ। इसलिए 10वें दिन सभी देवताओं ने विजय उत्सव मनाया था। तभी से नवरात्र‍ि के दसवें दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाने लगा।

विजया माता का एक नाम है। यह पर्व प्रभु श्रीराम के काल में भी मनाया जाता था और श्रीकृष्‍ण के काल में भी। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने ऋष्यमूक पर्वत पर आश्‍विन प्रतिपदा से नवमी तक आदिशक्ति की उपासना की थी।

आदिशक्ति की उपासना के बाद भगवान श्री राम इसी दिन किष्किंधा से लंका के लिए रवाना हुए थे। माता द्वारा महिषासुर का वध करने के बाद से ही असत्‍य पर सत्‍य की जीत का पर्व विजयादशमी मनाया जाने लगा। आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।
 
नवरात्रि के 9 दिनों और रंगों का महत्व
1. नवरात्रि का पहला दिन : नवरात्रि रंगों की लिस्ट में नारंगी रंग सबसे पहले और बेहद खास है। यह रंग बहुत वाइब्रेंट और सुंदर है। इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नारंगी रंग या संतरा रंग, गर्मी, आग और ऊर्जा से जुड़ा है।
 
2. नवरात्रि का दूसरा दिन : नवरात्रि के दूसरे दिन का रंग सफेद होता है। यह रंग शांति और शुद्धता को दर्शाता है। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। वह एक देवी हैं जिनके दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में पानी का कलश है।
 
3. नवरात्रि का तीसरा दिन : नवरात्रि के 9 रंगों में से लाल रंग सबसे प्रभावशाली रंगों में से एक है। यह ताकत, शक्ति और उदारता को दर्शाता है। इस दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। वह देवी पार्वती का तीसरा रूप हैं और उनका विवाहित रूप हैं।
 
4. नवरात्रि का चौथा दिन : नवरात्रि के 9 रंगों में से सबसे पसंदीदा रंगों में से एक है रॉयल ब्लू।यह रंग समृद्धि और शांति का प्रतीक है। इसका उपयोग देवी कुष्मांडा को मनाने के लिए किया जाता है। 
 
5. नवरात्रि का पांचवा दिन : हिंदू धर्म में, पीले नवरात्रि रंग को शिक्षा और ज्ञान के रंग के रूप में दर्शाया गया है। यह देवी स्कंद माता का रंग है। वह मातृत्व की देवी हैं। 
 
6. नवरात्रि का छठवां दिन : हरा रंग नवरात्रि के दौरान पहनने और जश्न मनाने के लिए एक बेहद खूबसूरत रंग है। यह नई शुरुआत, विकास और उर्वरता का प्रतीक है। हरा रंग देवी कात्यायनी माता का रंग है, जो नवरात्रि के छटवे दिन मनाया जाता है। 
 
7. नवरात्रि का सातवा दिन : ग्रे एक शांत और सुरुचिपूर्ण रंग है। इस दिन कालरात्रि मनाई जाती है। वह देवी पार्वती का सातवां रूप हैं और उन्हें दुनिया में हर बुराई का विनाशक माना जाता है। 
 
8. नवरात्रि का आठवां दिन : जमुनी आठवां नवरात्रि रंग है और उत्सव के अंतिम दिन को दर्शाता है। दुर्गा के अवतार महागौरी की पूजा की जाती है।
 
9. नवरात्रि का नौवां दिन : पीकॉक ग्रीन नौवां नवरात्रि रंग है जिसका उपयोग देवी सिद्धिदात्री को मनाने के लिए किया जाता है। यह रंग दया, सद्भाव और स्नेह को दर्शाता है। 
 
भारतीय संस्कृति के लिए नवरात्रि का महत्व
भारतीय संस्कृति के लिए भी नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन लोक नृत्य जैसे गरबा और डांडिया होते हैं। साथ ही इस दिन गुजराती लोक गीत भी गाए जाते हैं। गरबा और डांडिया नाईट में कई लोग पारंपरिक गुजराती ड्रेस पहनते हैं। गुजरात और राजस्थान के अलावा भी कई राज्यों में गुजराती व्यंजन बनाए जाते हैं। इन सभी के कारण युवाओं को देश की संस्कृति और परंपरा के बारे में पता चलता है। इसलिए नवरात्रि हिंदू धर्म के साथ भारतीय संस्कृति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। 
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