यह है कलश स्थापना की सबसे सही, सरल और प्रामाणिक विधि, जरूरी सामग्री

Webdunia
कलश स्थापना (घटस्थापना) नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त, सही समय और सही तरीके से करनी चाहिए। आइए जानें कैसे करें कलश की स्थापना... 
 
नवरात्रि कलश स्थापना :
 
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री :-
 
जौ बोने के लिए मिटटी का पात्र
साफ़ मिट्टी
मिटटी का एक छोटा घड़ा
कलश को ढकने के लिए मिट्टी का एक ढक्कन
गंगा जल
सुपारी
1 या 2 रुपए का सिक्का
आम की पत्तियां
अक्षत / कच्चे चावल
मोली / कलावा / रक्षा सूत्र
जौ (जवारे)
इत्र (वैकल्पिक)
फुल और फुल माला
नारियल
लाल कपडा / लाल चुन्नी
दूर्वा घास
 
कलश स्थापना विधि :-
 
नवरात्रि में कलश स्थापना देव-देवताओं के आह्वान से पूर्व की जाती है। कलश स्थापना करने से पूर्व आपको कलश को तैयार करना होगा जिसकी सम्पूर्ण विधि इस प्रकार है... 
 
सबसे पहले मिट्टी के बड़े पात्र में थोड़ी सी मिट्टी डालें। और उसमे जवारे के बीज डाल दें।
 
अब इस पात्र में दोबारा थोड़ी मिटटी और डालें। और फिर बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी पात्र में डाल दें और फिर बीज डालकर थोड़ा  सा जल डालें।
 
(ध्यान रहे इन बीजों को पात्र में इस तरह से लगाएं कि उगने पर यह ऊपर की तरफ उगें। यानी बीजों को खड़ी अवस्था में लगाएं और ऊपर वाली लेयर में बीज अवश्य डालें।)
 
अब कलश और उस पात्र की गर्दन पर मौली बांध दें। साथ ही तिलक भी लगाएं।
 
इसके बाद कलश में गंगा जल भर दें।
 
इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी दाल दें।
 
अब इस कलश के किनारों पर 5 अशोक के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें।
 
अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े या लाल चुन्नी में लपेट लें। चुन्नी के साथ इसमें कुछ पैसे भी रखें।
 
इसके बाद इस नारियल और चुन्नी को रक्षा सूत्र से बांध दें।
 
तीनों चीजों को तैयार करने के बाद सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ़ करके उसपर मिट्टी का जौ वाला पात्र रखें। उसके ऊपर मिटटी का कलश रखें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।
 
आपकी कलश स्थापना संपूर्ण हो चुकी है। इसके बाद सभी देवी देवताओं का आह्वान करके विधिवत नवरात्रि पूजन करें। इस कलश को आपको नौ दिनों तक मंदिर में ही रखे देने होगा। बस ध्यान रखें सुबह-शाम आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

kuber yog: 12 साल बाद बना है कुबेर योग, 3 राशियों को मिलेगा छप्पर फाड़ के धन, सुखों में होगी वृद्धि

Vastu Astro Tips : भूलकर भी ये 7 चीजें ले ली फ्री में तो घर में कंगाली शुरू हो जाएगी

Darsh amavasya 2024: दर्श अमावस्या क्या है, जानें महत्व और पूजन के मुहूर्त

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

अगला लेख