Festival Posters

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि पर इस बार बन रहे हैं दुर्लभ योग संयोग, ज्योतिष भी हैं असमंजस में

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के दौरान खरमास और राहु, मंगल एवं शनि का प्रभाव

WD Feature Desk
शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024 (15:36 IST)
Chaitra Navratri 2024: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 09 अप्रैल 2024 मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। यदि हम प्रतिपदा तिथि की बात करें तो वह 08 अप्रैल रात्रि से प्रारंभ हो रही है। इस तिथि और दिन के अंतर्गत कई तरह के दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं। ऐसे में ज्योतिषियों के लिए भी असमंजस की स्थिति बन गई है कि शुभ कार्य करें या नहीं। आओ जानते हैं महत्वपूर्ण जानकारी।

  1. भूतड़ी अमावस्या के दौरान सूर्य ग्रहण 
  2. चैत्र नवरात्रि के दौरान मलमास
  3. गुड़ी पड़वा पर खरमास का प्रभाव 
     
1. प्रतिपदा तिथि : प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 बजे से प्रारंभ होकर 09 अप्रैल 2024 को रात्रि 08:30 को समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी।
ALSO READ: Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि 2024 कब है? तिथि, पूजा, शुभ मुहूर्त, व्रत नियम और महत्व
2. सूर्य ग्रहण : 8 अप्रैल 2024 को भारतीय समय के अनुसार रात्रि 09 बजकर 12 मिनट से लगेगा तो मध्यरात्रि 01 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा। 
 
3. खरमास : 14 मार्च से प्रारंभ हुआ खरमास यानी मलमास 13 अप्रैल को समाप्त होगा इसके चलते कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकता है।
 
4. गुड़ी पड़वा : प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो रहा है। नववर्ष में लोग नई खरीदी, नया कार्य और तमाम तरह के शुभ कार्य करते हैं परंतु खरमास होने के चलते असमंजस की स्थिति रहती है।
ALSO READ: Chaitra navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में कैसे करें कलश और घट स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त
5. नवरात्रि का फल : इस बार मां दुर्गा का वाहन घोड़ा रहेगा। यानी मां घोड़े पर सवार होकर आएगी। घोड़े को मां दुर्गा का शुभ वाहन नहीं माना जाता है।
Chaitra Navratri 2024
6. चैत्र प्रतिपदा हिंदू नववर्ष का भविष्यफल : हिंदू नववर्ष का राजा मंगल और मंत्री शनि है। नव संवत्सर का नाम पिंगला है। मंगल के राजा और शनि के मंत्री होने से यह वर्ष बहुत ही उथल पुथल वाला रहेगा। शासन में कड़ा अनुशासन देखने को मिलेगा। नवसंवत्सर का प्रवेश धनु लग्न में होगा।  धनु लग्न होने से उत्तर पूर्व दिशा में सुख समृद्धि रहेगी, मध्यक्षेत्र में वर्षा की अधिकता रहेगी। पश्चिम में खाद्य वस्तुएं सस्ती होगी। वरुण नाम का मेघ बारिश कराएगा।
ALSO READ: Surya Grahan 2024: चैत्र नवरात्रि से पहले लगेगा सूर्य ग्रहण, 6 राशियों की किस्मत पलट देगा
5. शुभ योग : इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, पुष्य नक्षत्र योग, वैधती योग, आयुष्यमान योग का निर्माण हो रहा है। रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे। शुक्ल योग प्रात: 9 बजकर 18 मिनट तक इसके बाद ब्रह्म योग 9 बजकर 19 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक रहेगा।
 
नवरात्रि पूजा घट स्थापना के शुभ मुहूर्त:-
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:31 से प्रात: 05:17 तक।
अभिजित मुहूर्त : सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:30 से दोपहर 03:21 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:42 से शाम 07:05 तक।
अमृत काल : रात्रि 10:38 से रात्रि 12:04 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:00 से 12:45 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।
अमृत सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Gita Jayanti Wishes: गीता जयंती पर अपनों को भेजें ये 5 प्रेरणरदायी शुभकामना संदेश

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है, क्यों नहीं करते हैं इस दिन विवाह?

Sun Transit In Scorpio: सूर्य का वृश्‍चिक राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल और भविष्‍यफल

बुध का तुला राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसे मिलेगा लाभ किसको होगा नुकसान

सभी देखें

धर्म संसार

Budh tula gochar: बुध का तुला राशि में वक्री गोचर, 5 राशियों को रहना होगा सतर्क

Mulank 6: मूलांक 6 के लिए कैसा रहेगा साल 2026 का भविष्य?

Singh Rashi 2026: सिंह राशि 2026 राशिफल: शनि और राहु की बुरे प्रभाव से बचाएंगे बृहस्पति

Lal Kitab Tula Rashifal 2026: तुला राशि (Libra)- राहु से रहना होगा बचकर तो पूरा साल रहेगा शानदार, जान लें उपाय

Quotes of Guru Tegh Bahadur: गुरु तेग बहादुर जी के शहादत दिवस पर अपनों को भेजें ये खास 7 भावपूर्ण संदेश

अगला लेख