दुर्गा माता के स्वरूप : नवदुर्गा में किस माता का कैसा है रूप, जानिए

Webdunia
शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021 (12:54 IST)
वर्ष में चार नवरात्रियां आती हैं। आषाड़ और माघ माह में गुप्त नवरात्रि आती है जिसमें माता के 10 स्वरूप बताए गए हैं, जबकि चैत्र माह की वासंदी नवरात्रि और आश्‍विन माह की शारदीय नवरात्रि में माता पार्वती के 9 स्वरूप की पूजा होती है। आओ जानते हैं कि माता दुर्गा के नौ स्वरूप कैसे हैं।
 

1. शैलपुत्री : पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण पार्वती माता को शैलपुत्री भी कहा जाता है। ये माता वृषभ पर सवार हैं और ये दाहिने हाथ में त्रिशूल तो बाएं हाथ में कमल धारण करती हैं। इसके वस्त्र धवल है और ये माथे पर मुकुट धारण करती हैं।
 
2. ब्रह्मचारिणी : ब्रह्मचारिणी अर्थात जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था। यह भी सफेद वस्त्र धारण करती है और इनके बांए हाथ में कमंडल तथा दाहिने हात में माला सुशोभित है।
 
3. चंद्रघंटा : जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है। इनका रंग स्वर्ण के समान चमकीला है, ये बाघ पर विराजती हैं। इन माता के 10 हाथ है। इनके दाहिने हाथ में कमल, बाण, धनुष और जपमाला है एवं एक हाथ अभयमुद्रा में है, जबकि बाएं हाथ में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल है एवं एक हाथ वरदमुद्रा में है। मुकुट, माला और लालवस्त्र धारण किए हुए है।
 
4. कूष्मांडा : ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त करने के बाद उन्हें कूष्मांडा कहा जाने लगा। माता कूष्मांडा के भी 8 हाथ है। दाहिने हाथ में कमल, बाण, धनुष और कमंडल है, ज‍बकि बाएं हाथ में चक्र, गदा, माला और अमृतघट है। यह माता लाल वस्त्र और मुकुट धारण किए हुए और बाघ पर विराजमान है।
 
5. स्कंदमाता : माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वे स्कंद की माता कहलाती हैं। स्कंद माता की गोद में कार्तिकेय विराजमान है। सिंह पर सवार यह माता चार भुजाधारी है। इनके दाएं हाथ में कमल और दूसरे से कार्तिकेय को पकड़ रखा है जबकि बाएं भाग के एक हाथ में कमल और दूसरा हाथ वरमुद्रा में हैं।
 
6. कात्यायनी : यज्ञ की अग्नि में भस्म होने के बाद महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्होंने उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था इसीलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। सिंह पर सवार माता कात्यायनी की चार भुजाएं हैं, दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयु मुद्रा में रहता है तो वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में मां तलवार धारण करती हैं तो वहीं नीचे वाले हाथ में कमल सुशोभित है। यह माता भी लाल वस्त्र धारण करती और सिर पर मुकुट सुशोभित है।
 
7. कालरात्रि : मां पार्वती देवी काल अर्थात हर तरह के संकट का नाश करने वाली हैं इसीलिए कालरात्रि कहलाती हैं। गधे पर सवार माता का रंग नीला और चार भुजाएं हैं। दाहिने ओर के उपर का हाथ अभयमुद्रा और नीचे का हाथ वरमुद्रा में है जबकि बाईं ओर के उपर के हाथ में घड़ग और नीचे के हाथ में वज्र। माता के वस्त्र शिव समान है। 
 
8. महागौरी : कठोर तप करने के कारण जब उनका वर्ण काला पड़ गया तब शिव ने प्रसन्न होकर इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा। ये श्वेत वस्त्र और आभूषण धारण करती हैं इसलिए इन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। वृषभ पर सवार माता के चार हाथ हैं। दाहिनी और का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में रहता है तो वहीं नीचे वाले हाथ में मां त्रिशूल धारण करती हैं। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरु रहता है तो नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में रहता है।
 
 
9. सिद्धिदात्री : माता का यह 9वां रूप है। जो भक्त पूर्णत: उन्हीं के प्रति समर्पित रहता है, उसे वे हर प्रकार की सिद्धि दे देती हैं इसीलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। ये माता  ये कमल के फूल पर विराजती हैं और सिंह इनका वाहन है। 
 
इनकी चार भुजाएं हैं और दाहिनी भुजे के उपर वाले हाथ में चक्र और नीचे वाले हाथ में गदा है जबकि बाईं भुजा के उपर आले हाथ में शंख और नीचे वाले हाथ में कम सुशोभित है। लाल वस्त्र और मुकुट धारण किए हुए माता के गले में माला सुशोभित है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Mokshada ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी कब है, क्या है श्रीकृष्‍ण पूजा का शुभ मुहूर्त?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

विवाह पंचमी कब है? क्या है इस दिन का महत्व और कथा

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

सभी देखें

धर्म संसार

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Aaj Ka Rashifal: आज किसके बनेंगे सारे बिगड़े काम, जानें 21 नवंबर 2024 का राशिफल

21 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 नवंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

अगला लेख