Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(नवमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-गुरु तेग बहादुर दि., वक्री बुध
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

नवरात्रि के 9 दिन ही क्यों होते हैं, जानिए 9 रहस्य

हमें फॉलो करें नवरात्रि के 9 दिन ही क्यों होते हैं, जानिए 9 रहस्य

अनिरुद्ध जोशी

, बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (12:55 IST)
शारदीय नवरात्रि के पर्व प्रारंभ हो चला है। 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर नवरात्रि उत्सव की धूम रहेगी। 15 अक्टूबर 2021 को दशहरा उत्सव अर्थात विजयादशी रहेगी। आओ जानते हैं कि नवरात्रि के 9 दिन ही क्यों होते हैं।
 
 
1. दरअसल इन नौ दिनों में प्रकृति में विशेष प्रकार का परिवर्तन होता है और ऐसे समय हमारी आंतरिक चेतना और शरीर में भी परिवर्तन होता है। प्रकृति और शरीर में स्थित शक्ति को समझने से ही शक्ति की आराधना का भी महत्व समझ में आता है।
 
2. असल में चैत्र और आश्विन के नवरात्रि का समय ऋतु परिवर्तन का समय है। ऋतु-प्रकृति का हमारे जीवन, चिंतन एवं धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सोच-विचार कर सर्दी और गर्मी की इन दोनों महत्वपूर्ण ऋतुओं के मिलन या संधिकाल को नवरात्रि का नाम दिया। 
 
3. यदि आप उक्त नौ दिनों अर्थात साल के 18 दिनों में अन्य का त्याग कर भक्ति करते हैं तो आपका शरीर और मन पूरे वर्ष स्वस्थ और निश्चिंत रहता है।
 
4. माता के 9 रूप है- 1.शैलपुत्री 2.ब्रह्मचारिणी 3.चंद्रघंटा 4.कुष्मांडा 5.स्कंदमाता 6.कात्यायनी 7.कालरात्रि 8.महागौरी 9.सिद्धिदात्री। इसीलिए नवरात्रि के 9 दिन होते हैं।
 
5. माता वैष्‍णोदेवी ने नौ दिनों तक एक गुफा में साथना की थी और दसवें दिन भैरव बाहर निकलकर भैरवनाथ का सिर काट दिया था।
 
6. माता दुर्गा ने 9 दिन तक महिषासुर से युद्ध करके उसका वध कर दिया था और दसवें दिन इसी की याद में विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।
 
7. अंकों में नौ अंक पूर्ण होता है। नौ के बाद कोई अंक नहीं होता है। ग्रहों में नौ ग्रहों को महत्वपूर्ण माना जाता है। फिर साधना भी नौ दिन की ही उपयुक्त मानी गई है। 
 
8. किसी भी मनुष्य के शरीर में सात चक्र होते हैं जो जागृत होने पर मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में से 7 दिन तो चक्रों को जागृत करने की साधना की जाती है। 8वें दिन शक्ति को पूजा जाता है। नौंवा दिन शक्ति की सिद्धि का होता है। शक्ति की सिद्धि यानि हमारे भीतर शक्ति जागृत होती है। अगर सप्तचक्रों के अनुसार देखा जाए तो यह दिन कुंडलिनी जागरण का माना जाता है। इसीलिए इन नौ दिनों को माता के नौ रूपों से जोड़ा है।
 
9. पार्वती, शंकर से प्रश्न करती हैं कि "नवरात्र किसे कहते हैं!" शंकर उन्हें प्रेमपूर्वक समझाते हैं- नव शक्तिभि: संयुक्त नवरात्रं तदुच्यते, एकैक देव-देवेशि! नवधा परितिष्ठता। अर्थात् नवरात्र नवशक्तियों से संयुक्त है। इसकी प्रत्येक तिथि को एक-एक शक्ति के पूजन का विधान है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दर्श अमावस्या के दिन 16 दीप जलाएं, जानिए 10 उपाय