एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार दूरदर्शन पर इस हिस्से को नहीं दिखाने के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह साक्षात्कार 27 अप्रैल को दूरदर्शन के 'खास मुलाकात' नाम के कार्यक्रम के तहत दिखाया गया था। इसे 25 तारीख को रिकॉर्ड किया गया था और दो दिन बाद प्रसारित किया गया था।
दो दिनों तक साक्षात्कार नहीं दिखाए जाने से नाराज मोदी समर्थकों ने इंटरव्यू को नहीं दिखाए जाने को लेकर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया था।
सूत्रों का कहना है कि इस साक्षात्कार की काट-छांट के दौरान यह तय किया गया कि उस हिस्से को नहीं दिखाया जाएगा, जिसमें मोदी ने प्रियंका गांधी पर निशाने साधने के सवाल को नकारते हुए कहा कि वह उनकी बेटी की तरह हैं। मोदी समर्थकों का आरोप है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दबाव में आकर मोदी की प्रियंका पर कही वह बात हटाई गई।
इस कथित प्रचार के बाद प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का कहना था कि उन्हें मोदी के इंटरव्यू के किसी हिस्से को काटे जाने की कोई जानकारी नहीं है। बल्कि 27 अप्रैल को उन्होंने ट्विटर पर लोगों को कहा था कि इंटरव्यू के काटे जाने के बाद कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उनका कहना था कि मोदी के इंटरव्यू को ना तो एडिट किया जाएगा और ना ही इसे डिब्बे में बंद कर दिया जाएगा।
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