नरेंद्र मोदी का न्यूयॉर्क में संस्कृत में मंत्रोच्चार

Webdunia
रविवार, 28 सितम्बर 2014 (18:43 IST)
-शोभना जैन
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने अमेरिकी दौरे के दूसरे दिन न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक सेंट्रल पार्क में युवाओं की मौजूदगी में ओम शान्ति, ओम शान्ति का मंत्रोच्चार किया और एक संस्कृत श्लोक के जरिए उन्हें सबका मंगल, सबके कल्याण की कामना की भारतीय संस्कृति समझाई और साथ ही अंग्रेजी में उनकी खैरियत पूछते हुए कहा- 'हाऊ आर यू डूइंग न्यूयॉर्क नमस्ते'। प्रधानमंत्री आज यहां पॉप सिंगरों की मौजूदगी में ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल को संबोधित कर रहे थे। सफेद रंग का कुर्ता-पायजामा और नीले रंग की जैकेट पहने प्रधानमंत्री ने उपनिषद के मंत्र का मंत्रोच्चार किया
 
'ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
 
युवाओं के मूड को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में बसे भारतीयों और अमेरिकी लोगों को उन्हीं के अंदाज में अपनी बात कहने की कोशिश की। स्थानीय लोगों के अनुसार आमतौर पर अमेरिका में इस तरह के समारोह और कन्सर्ट के जरिए नेता अपनी बात भी जनता के सामने रखते हैं, लेकिन भारत में इस तरह का अंदाज अभी पहुंचा नहीं है।
 
प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद युवाओं से कहा कि आपके बीच आकर मैं मानवता के भविष्य को लेकर आश्वस्त महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आदर्शवाद, नवीनता, ऊर्जा और 'कुछ करने सकने का' युवाओं का रवैया ज्यादा शक्तिशाली है। भारत के लिए भी मेरी यही आशा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश को बदलने के लिए, हर आंख में उम्मीद की किरण और हर दिल में भरोसे, खुशी जगाने, लोगों की गरीबी को दूर करने और स्वच्छ जल एवं सफाई को हर किसी की पहुंच में लाने के लिए 80 करोड़ युवा एकजुट हो रहे हैं। उन्होंने गरीबी उन्मूलन की इन युवाओं के अभियान की प्रशंसा की। इस अवसर पर आयोजित कन्सर्ट में अनेक पॉप सिंगर मौजुद थे
 
भारतवंशी युवाओं के 'मोदी-मोदी' के नारों और मोदी के 'नमस्ते' के अभिवादन के साथ ही वहां मौजूद लोगों ने तालियों के गड़गड़ाहट से उनका अभिवादन किया। मोदी ने अंग्रेजी में दिए गए अपने भाषण में वहां मौजूद सभी से अपील की कि बेहतर कल के लिए आज का बलिदान करने की जरूरत है। इस पहल का मकसद सभी के लिए स्थिर विश्व समुदाय बनाना है। प्रधानमंत्री ने यहां एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम अपने आज का बलिदान करते हैं, तो हमें एक बेहतर कल नसीब होगा।
 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि दुनिया पुराने ज्ञान के साथ बदलती है, लेकिन उनका यह भी मानना है कि आदर्शवाद, नवीनता, ऊर्जा और 'कुछ करने का' युवाओं का रवैया ज्यादा शक्तिशाली है।
 
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में भी कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी की समस्याओं बिजली, पानी और स्वच्छता का मुद्दा उठाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा जीवन की मूलभूत जरूरतों बिजली, पानी और स्वच्छता से वंचित है। सभी देशों को इस दिशा में प्रयास करने चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी लक्ष्य 2015 को हासिल करने के लिए सभी को जुट जाना चाहिए। भारत में इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। मोदी ने कहा कि लोगों को बिजली, पानी और स्वच्छता उपलब्ध कराने तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सभी देशों को अपने मतभेद भुलाकर प्रयास करने चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि तकनीक ने हमें यह मौका दिया है और इससे बहुत संभावनाएं पैदा होती हैं। विकास की गति फेसबुक और टि्वटर की तरह हो सकती है। प्रत्येक देश की सरकार को अपने लोगों की भलाई के लिए इस तरह से प्रयास करने चाहिए जिससे दूसरे देश के लोगों को क्षति नहीं पहुंचे।
 
उन्होंने कहा कि इसके लिए विकसित देशों को अन्य देशों को तकनीक उपलब्ध करानी चाहिए। भारत ने अपने स्तर पर पड़ोसी देशों के साथ ये प्रयास किए हैं। मोदी ने कहा कि आम लोगों को बिजली, पानी और स्वच्छता उपलब्ध कराने के लिए सभी देशों को ईमानदारी से प्रयास करने चाहिए और यह कार्रवाई सतत होनी चाहिए। यह कार्रवाई राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्यता, प्रतिबद्धता और सृजनशीलता के साथ होनी चाहिए। इसके लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य और जीवनशैली में बदलाव की भी जरूरत है।
 
अमेरिका में रह रहे भारतवंशी समुदाय के प्रतिष्ठित लोगों ने भी कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि कामकाज में सरलता और निर्णय लेने में तेजी जैसे मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
 
एक सरकारी के बयान के अनुसार, भारतवंशियों ने कहा कि निर्णय लेने में स्पष्टता, व्यवसाय में सरलता, कौशल विकास और विश्वविद्यालय-उद्योग के बीच मजबूत गठजोड़ ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देना आवश्यक है।
 
सरकार के हाल की महत्वांकाक्षी 'मेक इन इंडिया' पहल का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम व्यवसाय को सरल बनाने में मदद करेगा। रक्षा और रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाए जाने के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि निवेशकों को यह महसूस करना होगा कि एफडीआई का मतलब 'फर्स्ट डेवलप इंडिया' भी होता है। उन्होंने डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया।
 
बयान के अनुसार, भारतवंशियों ने कहा कि वे भविष्य में भी प्रधानमंत्री के साथ वार्ता करना चाहेंगे। प्रधानमंत्री ने उनसे भारत सरकार की वेबसाइट 'माईगॉव डॉट इन' पर सुझाव देने का आग्रह किया। (वीएनआई)
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