वाणी प्रकाशन और उसके लेखकों को अंतरराष्ट्रीय 'वातायन' सम्मान

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कार्यक्रम : 'वातायन' सम्मान समारोह, 2017 (यूके)
 
दिनांक : 24 मार्च (शाम 6.30 बजे- यूके समयानुसार)
 
स्थान : द नेहरू सेंटर, लंदन
 
लंदन की 'वातायन' संस्था द्वारा 24 मार्च 2017 को शाम 6.30 बजे (यूके समयानुसार) लंदन के नेहरू सेंटर में अंतरराष्ट्रीय 'वातायन' सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में हिन्दी की अग्रणी प्रकाशन संस्था वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी, कवि और गजलकार डॉ. हरिओम और संस्कृतिकर्मी स्मिता परिख को सम्मानित किया गया। 
 
इस बार 'वातायन' संस्था का सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय 'वातायन' शिखर सम्मान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को प्रदान किया गया। त्रिपाठी एक विख्यात लेखक और कवि हैं और अब तक उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
 
लंदन के नेहरू सेंटर में आयोजित इस सम्मान समारोह में सबसे पहले सेंटर की उपनिदेशक विभा मेंहदीरत्ता ने स्वागत भाषण दिया। 'वातायन' की ओर से मीरा कौशिक ने कार्यक्रम की रूपरेखा का परिचय दिया। इसके बाद कादंबरी मेहरा ने वंदना गीत प्रस्तुत किया। तदुपरांत पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और सभी विशिष्ट अतिथियों को पुष्प स्तबक भेंट किया गया।
 
यूके हिन्दी समिति के अध्यक्ष डॉ. पद्मेश गुप्ता की उपस्थिति में स्मिता परिख (अंतरराष्ट्रीय वातायन संस्कृति सम्मान), अरुण माहेश्वरी (अंतरराष्ट्रीय वातायन प्रकाशन सम्मान), हरिओम (अंतरराष्ट्रीय वातायन कविता सम्मान) और केशरीनाथ त्रिपाठी (अंतरराष्ट्रीय वातायन शिखर सम्मान) को सम्मानित किया गया।
 
इसके बाद संबोधन के लिए भारत के हाईकमिश्नर को आमंत्रित किया गया। अरुण माहेश्वरी ने संक्षेप में अपना वक्तव्य दिया। क्रमश: हरिओम और स्मिता परिख ने अपनी कविताएं सुनाईं। महताब मल्होत्रा ने त्रिपाठीजी का गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद केशरीनाथ त्रिपाठी को अपनी कविताएं सुनाने के लिए आमंत्रित किया गया। 
 
कार्यक्रम का समापन करते हुए नेहरू एकेडमी की निदेशक और 'वातायन' की अध्यक्ष मीरा कौशिक ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 'वातायन' संस्था ने पहली बार इसी वर्ष से प्रकाशन सम्मान की शुरुआत की है जिसके तहत वाणी प्रकाशन के प्रबंध निदेशक और वाणी फाउंडेशन के चेयरमैन अरुण माहेश्वरी को प्रथम अंतरराष्ट्रीय 'वातायन' प्रकाशन सम्मान प्रदान किया गया। 
 
अरुण माहेश्वरी द्वारा संचालित वाणी प्रकाशन हिन्दी भाषा और साहित्य में स्तरीय पुस्तकों के प्रकाशन के लिए विख्यात है। नोबेल पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार और अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त लेखक वाणी प्रकाशन की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा हैं।
 
वाणी प्रकाशन साहित्य और विमर्श की गंभीर पत्रिका 'वाक' और हिन्दी की पहली पूर्व समीक्षित पत्रिका 'प्रतिमान' का नियमित प्रकाशन करता है। एक प्रकाशक के रूप में अरुण माहेश्वरी ने अब तक 6,000 से भी अधिक पुस्तकों और 2,500 से अधिक लेखकों को प्रकाशित किया है। उन्होंने लगभग समूची दुनिया का भ्रमण किया है और हिन्दी भाषा-साहित्य और हिन्दी में छपी पुस्तकों का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रचार-प्रसार किया है। हिन्दी के उत्थान और विकास के लिए उनके अथक प्रयासों को दुनियाभर में सराहा गया है। उन्हें स्वीडिश, रशियन और पोलिश के साहित्यिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए नेशनल लाइब्रेरी (स्वीडन), इंडो-रशियन लिटरेरी क्लब और पोलिश कल्चरल सेंटर द्वारा सम्मानित किया गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स द्वारा वर्ष 2008 में उन्हें डिस्टिंग्विश्ड पब्लिशर्स अवॉर्ड से नवाजा गया है। 
 
अरुण माहेश्वरी साहित्य अकादेमी की कार्यकारिणी समिति के सम्मानित सदस्य और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय के नामित सदस्य भी हैं। उनकी संस्था वाणी फाउंडेशन ने इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय के साथ मिलकर 2 दिवसीय हिन्दी महोत्सव (3-4 मार्च 2017) का आयोजन किया, जो देशभर में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।
 
वर्ष 2017 का अंतरराष्ट्रीय वातायन कविता सम्मान डॉ. हरिओम को प्रदान किया गया। हरिओम 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उत्तप्रदेश काडर में कलेक्टर जैसे विभिन्न उच्च पदों पर लंबे समय से कार्यरत हैं। उन्होंने हिन्दी साहित्य से एमए, एमफिल और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त की हैं। 'कपास के अगले मौसम में,' 'अमेरिका मेरी जान' और 'धूप का परचम' उनकी प्रकाशित कृतियां हैं। वाणी प्रकाशन ने हाल ही में 'दास्तां कहते-कहते' श्रृंखला के तहत उनकी नई गजलों का संग्रह 'ख्वाबों की हंसी' प्रकाशित किया है। उन्होंने फैज अहमद फैज की गजलों को गाया है, जो 'इंतिसाब' एलबम के रूप में उपलब्ध है। उन्हें साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान के लिए फिराक सम्मान, राजभाषा अवॉर्ड और तुलसी सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
 
वाणी प्रकाशन से जुड़ी लेखिका स्मिता परिख को इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय वातायन संस्कृति सम्मान प्रदान किया गया। मुंबई निवासी स्मिता परिख रेडियो चैनल 1071 एफएम रेनबो पर वरिष्ठ रेडियो जॉकी हैं। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न टीवी चैनलों पर 'अपने मेरे अपने,' 'किट्टू सब जानती है,' 'जय मां वैष्णोदेवी,' 'बाइस्कोप' और 'फिल्मी सरगम' जैसे लोकप्रिय कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की है। 
 
स्मिता परिख मनोरंजन कंपनी ई-बिज एंटरटेनमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं। यह कंपनी समय-समय पर विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों, फैशन शोज और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन करती है। वे फरवरी 2017 में आयोजित मुंबई लिट-ओ-फेस्ट की फेस्टिवल डायरेक्टर भी रही हैं। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित उनकी कविता पुस्तक 'नज्में इंतजार की' काफी चर्चित और प्रशंसित हुई हैं। 
 
लंदन स्थित 'वातायन : पोएट्री ऑन साउथ बैंक' का उद्घाटन 28 नवंबर 2003 को विलियम ब्लेक के जन्मदिन के अवसर पर प्रसिद्ध लेखक और कैंब्रिज में भाषाशास्त्र के अध्यापक डॉ. सत्येन्द्र श्रीवास्तव द्वारा किया गया। यह संस्था लगातार ऐसी सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करती है जिनमें गैर अंग्रेजी कवियों व लेखकों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया जाता है और उनकी कृतियों के अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था की जाती है। वर्ष 2004 से इस संस्था ने 'वातायन' पोएट्री अवॉर्ड' की शुरुआत की जिसके तहत एक भारतीय लेखक को 2 सप्ताह के लिए आमंत्रित किया जाता है ताकि वे इंग्लैंड स्थित विद्वानों और चिंतकों के सान्निध्य में रहकर विचारों का आदान-प्रदान करें। नई दिल्ली स्थित आईसीसीआर (इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस) 'वातायन' पुरस्कार विजेता के हवाई यात्रा के खर्च का वहन करती है। 
 
'वातायन' संस्था ने कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का प्रकाशन किया है जिनमें इंग्लैंड स्थित कवियों के 3 संचयनों का प्रकाशन मुख्य है। इसके अलावा स्ट्रेटफोर्ड अपोन ओवन स्थित शेक्सपीयर हाउस और अन्य ऐतिहासिक स्थलों पर पोएट्री पिकनिक का आयोजन भी किया जाता है। 'वातायन' संस्था के प्रबंधन के लिए सुयोग्य और कर्मठ विद्वानों/ लेखकों की एक पूरी टीम लगातार काम करती है। दिव्या माथुर 'वातायन' की संस्थापक अध्यक्ष हैं और सत्येन्द्र श्रीवास्तव, मोहन राणा, अनिल शर्मा, पद्मेश गुप्ता और इस्माइल चुनारा इस संस्था के संस्थापक सदस्य हैं।
 
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