एनआरआई कविता : जहां खुशियां बसती हैं...

रेखा भाटिया
मेरे घर का वो कोना जहां खुशियां बसती हैं,

 
FC


हंसता-खिलखिलाता है बचपन,
नई उम्मीदें जगती हैं,
रूठा रहता है बालपन,
राग बदलता है,
मस्ती की फुहार चलती है,
नृत्य करतीं जिज्ञासु आंखें,
नए रंग, नया अनुभव,
नईं दिशाएं भरती हैं,
प्रतिदिन एक नया अध्याय जुड़ता है,
नवजीवन की एक इक किताब लिखती है,
ममता की छांव में बैठी मैं वहां,
जहां मेरे घर के कोने में खुशियां बसती हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या दूध वाली चाय-कॉफी सेहत को पहुंचा सकती है नुकसान?

गर्मी में वैक्सिंग के बाद दाने और खुजली की समस्या से राहत दिलाते हैं ये नुस्खे

ऑयली स्किन को मॉइश्चराइज और हाइड्रेट रखने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

गर्मियों में चेहरे को हाइड्रेट रखने के लिए लगाएं गुलाब जल और खीरे से बना फेस मिस्ट

क्या पीरियड्स के दौरान स्तन और बगल में दर्द है चिंता का विषय ?

सभी देखें

नवीनतम

खाने की ये 5 सफेद चीजें सेहत के लिए हैं हानिकारक, जानें कारण

इन 10 गलतियों की वजह से महिलाओं में बढ़ रहा मिसकैरेज का खतरा

क्या है Dream Feeding? नवजात शिशु और मां दोनों के लिए है फायदेमंद

30 की उम्र के बाद महिलाओं में दिखें ये 7 लक्षण तो हो सकती है कैल्शियम की कमी

क्या लैपटॉप गोद में रखने से महिलाओं को होती है फर्टिलिटी की समस्या? जानें कारण