हिन्दी कविता : दर्द का अर्थ...

पुष्पा परजिया
दर्द ने बहुत दर्द दिया है हमको,
अपनों ने दर्द का अर्थ समझा दिया है हमको।
 
नादां थे न समझ सके थे बेवफाइयां उनकी, 
करते रहे हर वक्त वो आजमाइशें हमारी।
 
और हम समझें उनको कितनी परवाह है हमारी,
उनके स्वार्थ को समझ न सके सोचा ये तो हक है उनका।
 
ढूंढते रहे, रह गए अकेले कौन अपने साथ है,
तन्हा जीवन को समझ लिया था मेला।
 
ये सोच-सोच खुश थे हम तो,
मासूमियत को जिसने नकारा उससे मिले हम बेइंतहा प्यार से।
 
हर बात को फायदे की नजर से देखने वालों ने जतलाया हमें,
अगाध स्नेह भी एक अभिशाप है।
 
खोकर शांति की गोद में जब सोचने को मजबूर हुए,
पाया सिर्फ खुद को तन्हा तब,
और उदासियों में हम खो गए।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

नवरात्रि दुर्गा पूजा के फलाहार, जानें 9 दिनों के व्रत की रेसिपी

अप्रैल फूल डे 2025 से जुड़े 20 अनोखे और मजेदार फैक्ट्स जो आपको हैरान कर देंगे

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

बैठते या खड़े होते समय चटकती हैं पैरों की हड्डियां? जानिए इसके 5 बड़े कारण

ईद के इस चांद की तरह दमकता रहे आपका हर दिन, रब से बस यही दुआ मांगते हैं ईद के दिन... खास अंदाज में कहें ईद मुबारक

सुबह उठते ही लगती है तेज भूख? जानिए इसके 5 चौंकाने वाले कारण और राहत के उपाय

Gudi padwa Essay: गुड़ी पड़वा पर आदर्श निबंध हिन्दी में

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

अगला लेख