24 January Girl Child Day poem: घर आई मेरी नन्ही परी

पुष्पा परजिया
हर एक लम्हा आए याद उस दिन का 
जब आई मेरी नन्ही परी 
 
सुंदर, नाजुक, कोमल-कोमल 
मानो कोई खिली थी नन्ही-सी कली
 
देख-देख मैं मन ही मन खुश होती 
लहराती मेरे मन की बगिया 
 
एक अनूठे आनंद से भर जाती मैं
और सहज मुस्कुराती मेरी अंखियां 
 
मातृत्व का पद देकर तुमने
मुझको बेटी पूर्ण किया 
 
अबोध, नि:स्वार्थ, निष्पाप सहजता बस 
इसका ही तुझमें मैंने दर्शन किया। 
 
अपने प्यार को तूने 
हम सब पर बरसाकर
धन्य किया जीवन मेरा 
 
श्रद्धा-सुमन समर्पित कर 
आज मनाएं जन्मदिन तेरा।

ALSO READ: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता : सबकी शान होती हैं बेटियां
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

थाइलैंड के मनमौजी और ऐय्याश राजा की कहानी 5 पत्‍नियां, कई रखैल और 13 बच्‍चे

करवट लेने पर भी आते हैं चक्कर तो हो सकते हैं ये 6 कारण

खून की कमी को दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये जूस

ICMR का प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने को लेकर अलर्ट, बताया क्‍या होती है हेल्दी डाइट?

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

अगला लेख