प्रवासी कविता : पदक की यात्रा

रेखा भाटिया
आज बदली है सोच
बदला है जमाना
दावे तो कई हैं
फिर भी
एक पदक ना ला सकी बेटी
कइयों के मुंह खुल गए
कइयों ने सांत्वना भी दी
कुछ ने हिम्मत भी दिलाई
क्या सोच फिर भी बदल पाई
पूछो न अपने दिल से एक बार
सच अपनी बेटी को कैसे कर रहे बड़ा
उस एक पदक तक का सफर कैसा रहा
सदियों तक लड़ती रही, भिड़ती रही
संघर्ष करती रही, कुर्बान होती रही
अग्नि परीक्षा, चिरहरण, अपहरण
कभी अस्मिता लुट गई
कभी लाज कान्हा ने बचाई
कभी निर्लज्ज के लांछन से बेधा
 
क्या सच एक लक्ष्मण रेखा ही थी
जिसे पार करना था
आज पदक की उस तय यात्रा में
उम्मीदें बांध लेते हो कैसे
पाखंड होता बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ, नारी तू अब अबला नहीं
कितने पुरुष स्वर उठे थे नहीं होगी अब
अग्नि परीक्षा, यह मुकाम पदक की यात्रा
नारी की अपनी लड़ाई उसने ही लड़ी
एक नन्ही कली मसल दी गई
जला दी गई, धिक्कार है सोच पर
हां, सदियों आगे भागते बेटे
शोर जो मचा रहे हो
इतिहास तब बदलेगा जब सोना हाथ होगा
इतिहास बदलना इसे कहते मौके की देर  
कितनी बेटियां विदेशी धरती से उड़ान भर
अंतरिक्ष पहुंच चुकी हैं और गिनती बेटों की ?
बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से खाए
बेटी रूप गंभीर, शून्य पात्र न समझो
सुधा रस से भर रही पूर्ण से परिपूर्ण।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

जीवन की ऊर्जा का मूल प्रवाह है आहार

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डाक्टर्स और एक्सपर्ट

इतना चटपटा चुटकुला आपने कभी नहीं पढ़ा होगा: इरादे बुलंद होने चाहिए

अगला लेख