कविता : वर्षा ऋतु, मधुर मिलन का त्योहार

Webdunia
- नरेन्द्र शर्मा
 
सत रंग चूनर नव रंग पाग 
मधुर मिलन त्योहार गगन में 
मेघ सजल बिजली में आग...
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
 
पावस ऋतु नारी, नर सावन
रस रिमझिम संगीत सुहावन 
सारस के जोड़े सरवर में 
सुनते रहते बादल राग…
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
 
उपवन-उपवन कांत कामिनी 
गगन गुंजाए मेघ दामिनी 
पत्ते-पत्ते पर हरियाली,
फूल-फूल पर प्रेम पराग… 
सत रंग चूनर नव रंग पाग।
 
पवन चलाए बाण बूंद के 
सहती धरती आंख मूंद के
बेलों से अठखेली करते 
मोर मुकुट पहने बन बाग.... 
सत रंग चूनर नव रंग पाग। 
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

आम का रस और कैरी पना, दोनों साथ में पीने से क्या होता है?

इस मदर्स डे अपने हाथों से बनाएं मां के लिए कुछ बेहद खास, जानिए बेस्ट DIY गिफ्ट्स जो आपकी मां के चेहरे पर ला दें मुस्कान

सभी देखें

नवीनतम

रिश्तों पर हिन्दी में कविता : कहने को अपने

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

ये वतन है हमारा और हम इसके पहरेदार हैं...युद्ध की जीत के नाम पढें ये 20 जोशीले शेर

मदर्स डे पर मां के लिए लिखें ये 10 प्यार भरी लाइनें और जीतें दिल

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

अगला लेख