मदर्स डे पर कविता: मैं लौटूंगी जल्द ही

रेखा भाटिया
मां तन्हा यहां मैं कितनी,
उड़कर आने को मन करता,
तेरी गोद में सिर रखकर,
सुकून पाने को मन करता !
 
छत पर खड़ी हो दूर तक,
आसमां के बदलते रंगों संग,
आते-जाते लोगों के हुजूम संग,
बचपन में खो जाने को मन करता !
 
डर के साए में घर बैठे हैं,
ना जाने भयानक क्षणों से,
कब हो सामना तुझसे दूर,
तेरा हाथ थामने को तरसती !
 
अनहोनी से रात में नींद नहीं आती,
दिन में बेचैनी हर पल सताती,
ख़बरों से जुड़ा है ऐसा नाता,
बहुत बुरा-बुरा लगता है सब मां  !
 
मां कुछ अच्छा खाने को मन करता,
वो गुड़ की रोटी, शक्कर, मलाई,
इमली, मिल्क शेक, बर्फ का गोला,
पापड़, आम का आचार तेरी डांट !
 
फेरीवाला, सब्जीवाला, दूधवाला,
मां सबकुछ बहुत याद आता है,
बाहर सामान लाने में डर लगता है,
महल भी भीतर पिंजड़ लगता है !
 
मैं बदली, देश बदला, आदतें बदली,
भेष बदला, परंतु अब सब बदल गया,
तू नहीं बदली ना मां, मैं लौटूंगी जल्द ही,
हालात ठीक होते, मेरा बचपन संभाल रखना !

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन

वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं

अगला लेख