प्रवासी कविता : इश्क में बड़ा रिस्क है...

Webdunia
- हरनारायण शुक्ला 
 

 
इश्क हमने भी किया था, 
लोगों को पता नहीं, 
जिससे इश्क किया था, 
उसे भी कुछ पता नहीं। 
 
एक बार उसे फूल दिया,
जूड़े में लगाने के लिए,
फूल दे दिया अपनी फूफी को,
मंदिर में चढ़ाने के लिए। 
 
सुहाने मौसम में उसे देख,
ज्यूं ही गाया 'मुझे तुमसे प्यार है',
धोबी का गदहा रेंका जोरों से,
वो बोली, गदहे की क्या आवाज है। 
 
कॉलेज जा रहा था साइकल से,
वो जा रही थी पैदल,
कहा, बैठ जाओ, पीछे है कैरियर,
वो ऐसे बैठी, मेरे बॉडी में हर जगह फ्रैक्चर।
 
इश्क के नशे में था, 
दुर्घटनाग्रस्त हो गया,
इश्क में बड़ा रिस्क है,
चलो पता तो चल गया। 

 
Show comments

गर्मियों में इन 10 बीमारियों का खतरा रहता है सबसे ज्यादा, जानें कैसे करें बचाव

गर्मियों में भेज रहे हैं बच्चे को स्कूल तो न करें ये 10 गलतियां

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में पीरियड्स के दौरान इन 5 हाइजीन टिप्स का रखें ध्यान

मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करती है आयरन की कमी, जानें इसके लक्षण

सिर्फ 10 रुपए में हटाएं आंखों के नीचे से डार्क सर्कल, जानें 5 आसान टिप्स

क्या है ASMR जिसे सुनते ही होता है शांत महसूस? जानें सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद

Ramanujan :भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन की 5 खास बातें