प्रवासी कविता : हिन्दी दिवस

Webdunia
शुक्रवार, 12 सितम्बर 2014 (17:54 IST)
- डॉ. मनीषकुमार सी. मिश्रा
 
FILE


हिन्दी दिवस
मनाने का भाव
अपनी जड़ों को सींचने का भाव है
राष्ट्रीयता से जुड़ने का भाव है।
भाव-भाषा को अपनाने का भाव है।

हिन्दी दिवस
एकता, अखंडता और संप्रभुता का भाव है
उदारता, विनम्रता और सहजता का भाव है
समर्पण, त्याग और विश्वास का भाव है
ज्ञान, प्रज्ञा और बोध का भाव है।

हिन्दी दिवस
अपनी समग्रता में
खुसरो, जायसी का खुमार है
तुलसी का लोकमंगल है
सूर का वात्सल्य और
मीरा का प्यार है।

हिन्दी दिवस
कबीर का संदेश है
बिहारी का चमत्कार है
घनानंद की पीर है
पंत की प्रकृति सुषमा और
महादेवी की आंखों का नीर है।

हिन्दी दिवस
निराला की ओजस्विता
जयशंकर की ऐतिहासिकता
प्रेमचंद का यथार्थोन्मुख आदर्शवाद
दिनकर की विरासत और धूमिल का दर्द है।

हिन्दी दिवस
विमर्शों का क्रांति स्थल है
वाद-विवाद और संवाद का अनुप्राण है
यह परंपराओं की खोज है
जड़ताओं से नहीं
जड़ों से जुड़ने का प्रश्न है।

हिन्दी दिवस‍
इस देश की उत्सवधर्मिता है
संस्कारों की आकाशधर्मिता है
अपनी संपूर्णता में
यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

सभी देखें

नवीनतम

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?