क्षमता का सिर्फ एक तिहाई दान देते हैं भारतीय अमेरिकी : सर्वेक्षण

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अमेरिका में बसे जातीय समूहों में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी दान देने की अपनी कुल क्षमता 3 अरब डॉलर के मुकाबले महज एक तिहाई 1 अरब डॉलर प्रतिवर्ष ही परोपकार कार्यों पर खर्च करते हैं।
 
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के परोपकार करने की आदतों का विश्लेषण करने वाले इस सर्वेक्षण के अनुसार समुदाय के लोग प्रतिवर्ष अपनी आय का औसतन 1.5 प्रतिशत दान करते हैं, जबकि एक औसत अमेरिकी अपनी आय का 4 प्रतिशत हिस्सा प्रतिवर्ष परोपकार कार्यों में लगाता है।
 
अमेरिका में रहने वाले करीब 41 लाख भारतीय मूल के अमेरिकियों की औसत आमदनी अमेरिका में रहने वाले किसी भी जातीय समुदाय के औसत घरेलू आय के मुकाबले ज्यादा है। इस समुदाय को अन्यों के मुकाबले ज्यादा शिक्षित और सामाजिक रूप से जागरूक माना जाता है। मंगलवार को यहां जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में इंडियास्पोरा फिलैन्थ्रोपी सम्मिट के दौरान इंडियास्पोरा-डलबर्ग कम्युनिटी इंगेजमेंट सर्वेक्षण जारी किया गया।
 
सर्वेक्षण के अनुसार बात अगर लोगों की मदद करने की हो, तो भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दोगुना ज्यादा मदद करते हैं, लेकिन आर्थिक सहायता में वे काफी पीछे हैं। (भाषा)

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