इटली में सिख समुदाय को कृपाण की अनुमति नहीं

Webdunia
रोम। एक सिख व्यक्ति ने अदालत में अपील की थी कि उसे कृपाण धारण करने की अनुमति दी जाए। उसकी अपील खारिज करते हुए इटली की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिमी देशों में आकर रहने और यहां नौकरी करने वाले विदेशी मूल के लोगों को चाहिए कि वे जिस देश में रह रहे हैं, उसके समुदाय के मुताबिक बर्ताव करें। 
 
अदालत ने कहा है कि सिख समुदाय के लोग सार्वजनिक तौर पर कृपाण लेकर नहीं चल सकते हैं और लोगों को उस देश के कानून और समाज का सम्मान करना चाहिए, जहां बसने का फैसला खुद उन्होंने लिया है। 
 
विदित हो कि कृपाण एक धारदार हथियार होता है और इटली में सार्वजनिक तौर पर हथियार लेकर चलना गैरकानूनी माना जाता है। पुलिस ने सिख समुदाय के एक शख्स को गिरफ्तार किया था। वह घर के बाहर एक चाकू के साथ पकड़ा गया था। बाद में उसके खिलाफ केस चला और निचली अदालत ने उस पर जुर्माना लगाया। इस शख्स ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। 
 
उसकी दलील थी कि सिख धर्म में कृपाण रखना अनिवार्य बताया गया है। उसने अदालत से अनुरोध किया था कि उसके खिलाफ सुनाई गई सजा को रद्द करके उसे कृपाण रखने की अनुमति दी जाए। 
 
उसकी अपील को नामंजूर करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि अपने रिवाजों और मूल्यों के प्रति लगाव ठीक है, लेकिन विदेशी मूल के लोग वर्तमान में जहां रह रहे हैं, वहां अगर ये रिवाज गैरकानूनी हैं, तो उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हो सकता है कि वे जहां पैदा हुए हों, वहां ये नियम-रिवाज कानूनी हों, लेकिन फिलहाल वे जिस देश में रह रहे हैं, वहां के सामाजिक नियमों और कानूनों के मुताबिक ही चलना चाहिए। (भाषा)
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

हनुमंत सदा सहायते... पढ़िए भक्तिभाव से भरे हनुमान जी पर शक्तिशाली कोट्स

21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

मातृ दिवस और पितृ दिवस: कैलेंडर पर टंगे शब्द

हिन्दी कविता : पिता, एक अनकहा संवाद

अगला लेख