लंदन का सफर साइकिल पर

पानी बचाने का संकल्प

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आठ भाषाओं के जानकार और उम्र के 60वें पायदान पर पहुँच चुके गजेन्द्र ने 15 अगस्त 2010 से साइकिल से अपने सफर की शुरुआत की है। देश के चारों कोनों में जाने के बाद वह पाकिस्तान होते हुए लगभग सात से ज्यादा देशों को पार करके वर्ष 2012 में वे लंदन पहुँचेंगे। हर देश में जाने के लिए उन्होंने दिल्ली जाकर पहले ही विदेश सचिवालयों से परमिशन ले रखी है।

देश भर की नदियों को जोड़ने और पानी को बचाने का संकल्प लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कन्याकुमारी से लंदन तक का सफर साइकिल से तय किया जा रहा है। यह जुनून चेन्नई निवासी 60 वर्षीय गजेन्द्र को भोपाल से होते हुए जबलपुर लेकर पहुँच गया। फिलहाल वह अपनी आगे की यात्रा पर निकलने वाले हैं।

अभी तक वह 7 हजार किमी का सफर तय कर चुके हैं और लंदन तक उन्हें 25 हजार किमी साइकिल चलाकर जाना है। रास्ते में ही लोगों और अधिकारियों से भोजन पानी और रुपयों की व्यवस्था करते हुए वह अपना सफर तय कर रहे हैं।

गजेन्द्र ने तय किया है कि उनकी जल संरक्षण और देशवासियों के हक के लिए तैयार की गई किताब का विमोचन लंदन में किया जाए। कलेक्टर गुलशन बामरा से मिलने पहुँचे गजेन्द्र ने बताया कि उनकी यात्रा का मूल उद्देश्य देश भर में जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।

साथ ही देश की नदियों को बचाने उन्होंने पिछले साल तक पूरे देश में घूमकर शोध किया है। इसी शोध की उन्होंने किताब तैयार की है जिसमें देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक देशवासियों को मिलने वाले हकों की जानकारी भी दी गई है। अपने मिशन को सफल बनाने के लिए गजेन्द्र शहर-शहर साइकिल से भ्रमण कर अपना संदेश दे रहे हैं।

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