सरोजनी नाडर को प्रतिष्ठित विज्ञान पुरस्कार

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भारतीय मूल की एक शिक्षाविद को दक्षिण अफ्रीका में प्रतिष्ठित विज्ञान पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस पुरस्कार के लिए उनका चयन विज्ञान में उनके योगदान और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

सरोजनी नाडर ऐसी महिला बन गई हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में विज्ञान के क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है। इस पुरस्कार की घोषणा दक्षिण अफ्रीका के विज्ञान और तकनीक मंत्री नालेडी पंडोर ने की।

पंडोर ने कहा, ‘यह पुरस्कार उन युवा महिला वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विज्ञान एवं ज्ञान के विस्तार में भरपूर योगदान दिया है। इस पुरस्कार और अन्य महिला वैज्ञानिक वर्ग के पुरस्कारों में अंतर यही है कि इस पुरस्कार के लिए नामितों की उम्र 40 साल से कम होनी चाहिए।’

नाडर ने कहा कि उनके बचपन के अनुभव ने ही उन्हें लिंग आधारित हिंसा पर शोध करने के लिए प्रेरित किया। यह उनके लिए एक विशेष क्षण था जब मंत्री ने इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा की। नाडर वर्तमान में अफ्रीका में ‘जेंडर एंड रिलीजन’ नामक पत्रिका की संपादक हैं। उन्होंने अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई वर्ष 2003 में यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाजुलू-नटाल से 27 वर्ष की उम्र में पूरी कर ली थी।

उन्होंने महिलाओं से संबंधित कई शोध विशेषकर एचआईवी और एड्स, लिंग आधारित हिंसा आदि पर शोध किए और उन्हें प्रमुखता से प्रकाशित भी किया। नाडर ने कई अन्य पुरस्कार भी जीते हैं जिनमें यूनिवर्सिटी शोध पुरस्कार भी शामिल हैं। (भाषा)

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