मनुष्य की मूलभूत समस्या

ओशो
FILE
मनुष्य के कृत्यों को देखो। तीन हजार वर्षों में पाँच हजार युद्ध आदमी ने लड़े हैं। उसकी पूरी कहानी हत्याओं की कहानी है, लोगों को जिंदा जला देने की कहानी है और एक को नहीं, हजारों को। और यह कहानी खत्म नहीं हो गई है।

तुम सोचते हो आदमी बंदर से विकसित हो गया? किसी बंदर ने अब तक किसी दूसरे बंदर को जिंदा नहीं जलाया। कोई बंदर न तो हिंदू है, न मुसलमान है, न ईसाई है; बंदर सिर्फ बंदर है।

और अगर यही विकास है, तो ऐसे विकास का कोई मतलब नहीं। सच तो यह है कि आदमी विकसित नहीं हुआ है, केवल वृक्षों से नीचे गिर गया है। अब तुम बंदर के साथ भी मुकाबला नहीं कर सकते हो। अब तुममें वह बल भी नहीं है कि तुम एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष पर छलाँग लगा जाओ। अब वह जान भी न रही, वह यौवन भी न रहा, वह ऊर्जा भी न रही और तुम्हारे कृत्यों की पूरी कहानी इस बात का सबूत है कि तुम आदमी नहीं बने, राक्षस बन गए।

हाँ राक्षस, लेकिन अच्छे-अच्छे नामों की आड़ में। हिंदू की आड़ में। हिंदू की आड़ में तुम मुसलमान की छाती में छुरा भोंक सकते हो, बिना किसी परेशानी के। मुसलमान की आड़ में तुम हिंदू के मंदिर को जला सकते हो, जिसने तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा, बिना किसी चिंता के।

दूसरे महायुद्ध में अकेले हिटलर ने साठ लाख लोगों की हत्या की- एक आदमी ने। इसको तुम विकास कहोगे? दूसरा महायुद्ध खत्म होने को है, जर्मनी ने हथियार डाल दिए हैं और अमेरिका के प्रेसीडेंट ने जापान के ऊपर, हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम गिरवाए। खुद अमेरिकी सेनापतियों का कहना है कि यह बिलकुल बेकार बात थी, क्योंकि जर्मनी के हार जाने के बाद जापान का हार जाना ज्यादा से ज्यादा दो सप्ताह की बात थी।

पाँच साल की लड़ाई अगर दो सप्ताह और चल जाती तो कुछ बिगड़ न जाता। लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी जैसे बड़े नगरों पर जिनके निवासियों का युद्धों से कोई संबंध नहीं; छोटे बच्चे और बूढ़े और स्त्रियाँ- दस मिनट के भीतर दो लाख व्यक्ति राख हो गए। और अमेरिका के जिस प्रेसीडेंट ने यह आज्ञा दी, उसका नाम भी हमने अभी तक नहीं बदला।

उस प्रेसीडेंट का नाम था, ट्रूमैन; सच्चा आदमी। अब तो कम से कम उसे अनट्रूमैन कहना शुरू कर दो और दूसरे दिन सुबह जब अखबारों ने, अखबारों के प्रतिनिधियों ने प्रेसीडेंट से पूछा- क्या आप रात आराम से सो तो सके, तो टूरूमैन ने कहा कि मैं इतने आराम से कभी नहीं सोया, जितना कल रात सोया, जब मुझे खबर मिली कि एटम बम सफल हो गया है। एटम बम की सफलता महत्वपूर्ण है। दो लाख निहत्थे, निर्दोष आदमियों की हत्या कोई चिंता पैदा नहीं करती। इसको तुम आदमी कहते हो?

नहीं, आदमी का कोई विकास नहीं हुआ। आदमी का सिर्फ एक ही विकास है और वह है कि वह अपनी अंतरात्मा को पहचान ले। उसके सिवाय आदमी का कभी कोई विकास नहीं हो सकता। जिस दिन मैं अपनी अंतरात्मा को पहचान लेता हूँ, उस दिन मैंने तुम्हारी अंतरात्मा को भी पहचान लिया।

जिस दिन मैंने अपने को जान लिया, उस दिन मैंने इस जगत में जो भी जानने योग्य है, वह सब जान लिया। और उसके बाद मेरे जीवन में जो सुगंध होगी, वह केवल मात्र विकास है; जो रोशनी होगी, वही केवल एकमात्र विकास है। जिसको हम अभी तक विकास कहते रहे हैं, वह कोई विकास नहीं है। हमारे पास बंदरों से सामान ज्यादा है, लेकिन हमारे पास बंदरों से ज्यादा आत्मा नहीं है।

आत्मिक विकास ही एकमात्र विकास : यह भी हो सकता है कि आदमी अंधा हो और अपने को जानता हो तो वह आँख वाले से बेहतर है। आखिर तुम्हारी आँख क्या देखेगी? - उसने अंधा होकर भी अपने को देख लिया। और अपने को देखते ही उसने उस केंद्र को देख लिया है, जो सारे अस्तित्व का केंद्र है। वह अनुभूति अमृत की अनुभूति है, शाश्वत नित्यता की अनुभूति है।

केवल थोड़े से लोग मनुष्य-जाति के इतिहास में आदमी बने हैं। वे ही थोड़ी से लोग, जिन्होंने अपनी आत्मा को अनुभव किया है। शेष सब नाममात्र के आदमी हैं। उनके ऊपर लेबल आदमी का है, खोखा आदमी का है। भीतर कुछ भी नहीं है। और जो कुछ भी है, वह हर तरह के जहर से भरा है, ईर्षा से भरा है, विध्वंस से भरा है, हिंसा से भरा है।

अंतिम रूप में मैं तुमसे यही कहना चाहता हूँ कि अगर तुम्हारे जीवन में जरा भी बुद्धि है, तो इस चुनौती को स्वीकार कर लेना कि बिना अपने को जाने अर्थी को उठने नहीं दोगे। हाँ, अपने को जानकर कल की उठने वाली अर्थी आज उठ जाए, तो भी कोई हर्ज नहीं, क्योंकि जिसने अपने को जान लिया, उसकी फिर कोई मृत्यु नहीं है। अमृत का अनुभव एकमात्र विकास है।

साभार : कोंपलें फिर फूट आईं, प्रवचन-2
सौजन्य : ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन

Show comments

Rajkot Gaming Zone Fire: HC की फटकार के बाद सरकार का एक्शन, राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर

क्यों INDIA गठबंधन बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी, बताया कारण

Maruti Alto EV सस्ता और धमाकेदार मॉडल होने जा रहा है लॉन्च, जानिए क्या हो सकती है कीमत

Prajwal Revanna : सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना का पहला बयान, 31 मई को SIT के सामने आऊंगा

चक्रवाती तूफान रेमल का कहर, बंगाल में 15000 घर तबाह, 2 लोगों की मौत

Pune porshe accident : क्यों उठे NCP विधायक सुनील टिंगरे पर सवाल?

संदेशखाली मामले में शाहजहां शेख के खिलाफ चार्जशीट

केरल में प्री मानसून बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कोच्चि की सड़कें जलमग्न

अमेरिका ने वीजा रिजेक्‍ट किया तो शख्‍स ने घर की छत पर बना डाला स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी

पोहे के अपमान पर भड़क गए लोग, इंदौरी पोहा को लेकर लड़की ने सोशल मीडिया में कही थी ये बात