नाग पूजा, परंपरा और पौराणिक महत्व

नागपंचमी पर विशेष

Webdunia
ND

' शिव से उत्पन्न है सभी कुछ और उसी में लीन भी'

अनंत (शेष), वासुकी, तक्षक, कार्कोटक और पिंगला- उक्त पांच नागों के कुल के लोगों का ही भारत में वर्चस्व था। यह सभी कश्यप वंशी थे, लेकिन इन्हीं से नागवंश चला।

हिंदू धर्म के दो भाग माने जाते हैं:- पहला वेद और दूसरा पुराण। नाग पूजा का प्रचलन पुराण पर आधारित है। माना जाता है कि मूलत: शैव, शाक्त, नाथ और नाग पंथियों में ही नागों की पूजा का प्रचलन था।

आर्य तो परमशक्ति ब्रह्म (ईश्वर) के अलावा प्रकृति के पांच तत्वों की स्तुति करते थे। पुराणों में जो कुछ भी है उनमें आर्य और द्रविड़ दोनों की ही संस्कृति, वंश परंपरा और धर्म का इतिहास है। इसी कारण पुराण विरोधाभासी लगते हैं।

भारत में आर्यों, द्रविड़ों, दासों के साथ ही नागवंशी समाजों का प्रचलन प्राचीनकाल से ही रहा है। मूलत: दो ही जातियां थीं- आर्य और द्रविड़। इन्हीं में से दास और नाग वंशियों की उत्पत्ति मानी जाती है। उक्त चारों की संस्कृति, परम्पराएँ और रीति-रिवाज अलग-अलग माने जाते थे। आज सब कुछ घालमेल हो चला है। फिर भी यह अभी शोध का विषय बना हुआ है।

नाग से संबंधित कई बातें आज भारतीय संस्कृति, धर्म और परम्परा का हिस्सा बन गई हैं, जैसे नाग देवता, नागलोक, नागराजा-नागरानी, नाग मंदिर, नागवंश, नाग कथा, नाग पूजा, नागोत्सव, नाग नृत्य-नाटय, नाग मंत्र, नाग व्रत और अब नाग कॉमिक्स।

नाग और नाग जाति : जिस तरह सूर्यवंशी, चंद्रवंशी और अग्निवंशी माने गए हैं उसी तरह नागवंशियों की भी प्राचीन परंपरा रही है। लेकिन भारत के धार्मिक और सामाजिक इतिहास को सर्वसम्मत बनाकर कभी भी क्रमबद्ध रूप से नहीं लिखा गया इसीलिए विरोधाभास ही अधिक नजर आता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2025 में रहेगा शनि के शश योग का प्रभाव, 3 राशियों को होगा फायदा

Happy new year 2025: नए साल की शुरुआत इन मंदिरों में दर्शन करके करें, पूरा साल रहेगा शुभ

Ayodhya: नववर्ष से पहले लगभग सभी होटल बुक, मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन का समय बढ़ाया

Astrology 2025.: शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, 12 राशियों में से 2 राशियों को रहना होगा बचकर

वर्ष 2025 में ये 3 राशियां रहें बचकर, 5 तरह की रखें सावधानी

सभी देखें

धर्म संसार

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की शपथ ग्रहण कुंडली से जाने उनकी सरकार का भविष्य

01 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

01 जनवरी 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या 1 लाख पार कर जाएगा शेयर मार्केट, जानिए क्या कहता है ज्योतिष

Shani Gochar 2025 : वर्ष 2025 में किन राशि के जातकों पर रहेगी साढ़ेसाती व ढैय्या