ललिता पंचमी व्रत आज, जानें महत्व एवं मंत्र

राजश्री कासलीवाल
शारदीय नवरात्रि के आश्विन शुक्‍ल पंचमी को ललिता पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष ललिता पंचमी/उपांग ललिता व्रत 6 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। ललिता देवी माता सती पार्वती का ही एक रूप हैं। ललिता देवी को 'त्रिपुर सुंदरी' के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व पूरे भारतभर में मनाया जाता है। इसे 'उपांग ललिता व्रत' के नाम से भी जाना जाता है। 


 

पुराणों के अनुसार जब माता सती अपने पिता दक्ष द्वारा अपमान किए जाने पर यज्ञ अग्नि में अपने प्राण त्‍याग देती हैं तब भगवान शिव उनके शरीर को उठाए घूमने लगते हैं, ऐसे में पूरी धरती पर हाहाकार मच जाता है। जब विष्‍णु भगवान अपने सुदर्शन चक्र से माता सती की देह को विभाजित करते हैं, तब भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर इन्हें 'ललिता' के नाम से पुकारा जाने लगा।
 

कालिका पुराण के अनुसार देवी ललिता की दो भुजाएं हैं। यह माता गौर वर्ण होकर रक्तिम कमल पर विराजित हैं। दक्षिणमार्गी शाक्तों के मतानुसार देवी ललिता को 'चण्डी' का स्थान प्राप्त है। इनकी पूजा पद्धति देवी चण्डी के समान ही है।
 
मां ललिता देवी का वीडियो देखने के लिए क्लिक करें...
 


नवरात्रि में दुर्गा देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है तथा नवरात्रि के 5वें दिन स्कंदमाता के पूजन के साथ-साथ ललिता पंचमी व्रत तथा शिवशंकर की पूजा भी की जाती है। इस संबंध में ऐसी मान्‍यता है कि मां ललिता 10 महाविद्याओं में से ही एक हैं, अत: पंचमी के दिन यह व्रत रखने से भक्त के सभी कष्‍ट दूर होकर उन्हें मां ललिता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। देवी ललिता का ध्यान रूप बहुत ही उज्ज्वल व प्रकाशवान है।


 

पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन माता ललिता कामदेव के शरीर की राख से उत्पन्न हुए 'भांडा' नामक राक्षस को मारने के लिए प्रकट हुई थीं। इस दिन देवी मंदिरों पर भक्तों का तांता लगता है। यह व्रत समस्त सुखों को प्रदान करने वाला होता है अत: इस दिन मां ललिता की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन ललितासहस्रनाम, ललितात्रिशती का पाठ विशेष तौर पर किया किया जाता है।
 
ललिता माता का मंत्र :
 
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नमः।' 
 
पंचमी के दिन इस ध्यान मंत्र से मां को लाल रंग के पुष्प, लाल वस्त्र आदि भेंट कर इस मंत्र का अधिकाधिक जाप करने से जीवन की आर्थिक समस्याएं दूर होकर धन की प्राप्ति के सुगम मार्ग मिलता है। 

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Prayagraj Mahakumbh : 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइटों से संवारा जा रहा महाकुंभ क्षेत्र

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख