Dharma Sangrah

बैकुंठ चतुर्दशी 2019 : इस दिन 14 दीपक जलाकर करें श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न...

Webdunia
बैकुंठ चतुर्दशी को व्रत-उपवास करके नदी, सरोवरों आदि के तट पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है।


एक बार श्रीहरि विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने काशी पधारे और वहां मणिकर्णिका घाट पर स्नान कर उन्होंने 1,000 स्वर्ण कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। लेकिन जब वे पूजन करने लगे तो महादेव ने उनकी भक्ति की परीक्षा लेने के लिए एक कमल पुष्प कम कर दिया। 
 
यह देख श्रीहरि ने सोचा कि मेरी आंखें भी तो कमल जैसी ही हैं और उन्हें चढ़ाने को प्रस्तुत हुए। तब महादेव प्रकट हुए और बोले, हे हरि! तुम्हारे समान संसार में दूसरा कोई मेरा भक्त नहीं है।

आज से कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की यह चतुर्दशी अब 'बैकुंठ चतुर्दशी' कहलाएगी। इस दिन जो मनुष्य भक्तिपूर्वक पहले आपका पूजन करेगा, वह बैकुंठ को प्राप्त होगा।
 
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी का दिन भगवान विष्‍णु और भगवान भोलेनाथ के पूजन का दिन है।


निर्णय सिन्धु के अनुसार जो मनुष्य इस दिन 1,000 कमल पुष्पों से भगवान विष्णु के बाद भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, वे समस्त भव-बंधनों से मुक्त होकर बैकुंठ धाम को पाते हैं। पुरुषार्थ चिंतामणि में वर्णित जानकारी के अनुसार इसी दिन शिवजी ने सुदर्शन चक्र श्रीहरि विष्णु को प्रदान किया था।
 
इस दिन व्रत कर तारों की छांव में सरोवर, नदी इत्यादि के तट पर 14 दीपक जलाने की परंपरा है। कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को जो मनुष्य व्रत-उपवास करके श्रीहरि विष्‍णु का पूजन करते हैं उनके लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।

ALSO READ: वैकुंठ चतुर्दशी 2019 : हरि और हर का मिलन होगा इस दिन, जानिए महत्व
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shukra tara asta: शुक्र तारा होने वाला है अस्त, जानिए कौनसे कार्य करना है वर्जित

Tadpatri bhavishya: ताड़पत्री पर लिखा है आपका अतीत और भविष्य, कब होगी मौत यह जानने के लिए जाएं इस मंदिर में

Margashirsha Month: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष प्रारंभ: इन 7 खास कार्यों से चमकेगी आपकी किस्मत

Panchak November 2025: नवंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक, जानें समय और प्रभाव

Kovidar: कोविदार का वृक्ष कहां पाया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

29 November Birthday: आपको 29 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 29 नवंबर, 2025: शनिवार का पंचांग और शुभ समय

हरिद्वार अर्धकुंभ 2027, स्नान तिथियां घोषित, जानिए कब से कब तक चलेगा कुंभ मेला

Toilet Vastu Remedies: शौचालय में यदि है वास्तु दोष तो करें ये 9 उपाय

Dhanu Rashi Varshik rashifal 2026 in hindi: पराक्रम का राहु और अष्टम का गुरु मिलकर करेंगे भविष्य का निर्माण

अगला लेख