जब सोने के आंवले बरसने लगे, आंवला नवमी की यह कथा आपको कहीं नहीं मिलेगी

Webdunia
सेहत के लिए सबसे खास है आज का त्योहार आंवला नवमी, यह जरूर पढ़ें 
 
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन आंवला नवमी मनाई जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देने वाला होता है। अर्थात् उसके शुभ फल में कभी कमी नहीं आती।
 
 हमारे आयुर्वेद में आंवला को आयु और आरोग्यवर्धक कहा गया है। इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करके उसके नीचे बैठकर भोजन करने का बड़ा महत्व है। माना गया है कि इससे वर्ष आयु-आरोग्य बना रहता है। इस दिन आंवला के फल का सेवन किया जाता है। आइए जानते हैं आंवला नवमी से जुड़ी बातें, इसका महत्व और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में। 
 
आंवला नवमी का महत्व आंवला नवमी का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है क्योंकि इसी दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था, जिसमें स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। 
 
आंवला नवमी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन-गोकुल की गलियां छोड़कर मथुरा प्रस्थान किया था। संतान और पारिवारिक सुखों की प्राप्ति के लिए रखा जाता है व्रत इस दिन उन्होंने अपनी बाल लीलाओं का त्याग करके कर्तव्य के पथ पर पहला कदम रखा था। 
 
इसी दिन से वृंदावन की परिक्रमा भी प्रारंभ होती है। आंवला नवमी का व्रत संतान और पारिवारिक सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह व्रत पति-पत्नी साथ में रखें तो उन्हें इसका दोगुना शुभ फल प्राप्त होता है। 
 
आंवला नवमी के दिन स्नान आदि करके किसी आंवला वृक्ष के समीप जाएं। उसके आसपास साफ-सफाई करके आंवला वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल अर्पित करें। फिर उसकी जड़ में कच्चा दूध डालें। 
 
पूजन सामग्रियों से वृक्ष की पूजा करें और उसके तने पर कच्चा सूत या मौली 8 परिक्रमा करते हुए लपेटें। कुछ जगह 108 परिक्रमा भी की जाती है। इसके बाद परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करके वृक्ष के नीचे ही बैठकर परिवार, मित्रों सहित भोजन किया जाता है। 
 
आंवला को वेद-पुराणों में अत्यंत उपयोगी और पूजनीय कहा गया है। आंवला का संबंध कनकधारा स्तोत्र से भी है। एक कथा के अनुसार एक बार जगद्गुरु आदि शंकराचार्य भिक्षा मांगने एक कुटिया के सामने रुके। वहां एक बूढ़ी औरत रहती थी, जो अत्यंत गरीबी और दयनीय स्थिति में थी। शंकराचार्य की आवाज सुनकर वह बूढ़ी औरत बाहर आई। उसके हाथ में एक सूखा आंवला था। वह बोली महात्मन मेरे पास इस सूखे आंवले के सिवाय कुछ नहीं है जो आपको भिक्षा में दे सकूं। 
 
शंकराचार्य को उसकी स्थिति पर दया आ गई और उन्होंने उसी समय उसकी मदद करने का प्रण लिया। उन्होंने अपनी आंखें बंद की और मंत्र रूपी 22 श्लोक बोले। ये 22 श्लोक कनकधारा स्तोत्र के श्लोक थे।

ALSO READ: श्री कनकधारा स्तोत्र हिन्दी में : धन, धान्य, सुख-संपदा, यश कीर्ति और ऐश्वर्य सब कुछ देता है यह दिव्य पाठ

मां लक्ष्मी ने दिव्य दर्शन दिए इससे प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी ने उन्हें दिव्य दर्शन दिए और कहा कि शंकराचार्य, इस औरत ने अपने पूर्व जन्म में कोई भी वस्तु दान नहीं की। यह अत्यंत कंजूस थी और मजबूरीवश कभी किसी को कुछ देना ही पड़ जाए तो यह बुरे मन से दान करती थी। इसलिए इस जन्म में इसकी यह हालत हुई है। यह अपने कर्मों का फल भोग रही है इसलिए मैं इसकी कोई सहायता नहीं कर सकती।
 
 शंकराचार्य ने देवी लक्ष्मी की बात सुनकर कहा- हे महालक्ष्मी इसने पूर्व जन्म में अवश्य दान-धर्म नहीं किया है, लेकिन इस जन्म में इसने पूर्ण श्रद्धा से मुझे यह सूखा आंवला भेंट किया है। इसके घर में कुछ नहीं होते हुए भी इसने यह मुझे सौंप दिया। इस समय इसके पास यही सबसे बड़ी पूंजी है, क्या इतना भेंट करना पर्याप्त नहीं है। शंकराचार्य की इस बात से देवी लक्ष्मी प्रसन्न हुई और उसी समय उन्होंने गरीब महिला की कुटिया में स्वर्ण के आंवलों की वर्षा कर दी। 

ALSO READ: 17 नवंबर को कौन से अत्यंत शुभ योग में मनेगी आंवला नवमी, करेगी हर इच्छा पूरी

ALSO READ: 17 नवंबर को है आंवला नवमी, इस शुभ और श्रेष्ठ मुहूर्त में करें पूजा

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Utpanna ekadashi Katha: उत्पन्ना एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

Aaj Ka Rashifal: 25 नवंबर के दिन किसे मिलेंगे नौकरी में नए अवसर, पढ़ें 12 राशियां

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

अगला लेख