अनंत चतुर्दशी व्रत : भगवान विष्णु से करें यह प्रार्थना

Webdunia
अनंत चतुर्दशी का व्रत अत्यंत पवित्र व्रत माना जाता है। इस व्रत करने वाले को धान के एक प्रसर आटे से रोटियां या पूड़ी बनानी चाहिए। जिनकी आधी ब्राह्मण को दें और शेष स्वयं प्रयोग में लाएं।  
 
इस दिन व्रती को चाहिए कि प्रात:काल स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर कलश की स्थापना करें। कलश पर अष्टदल कमल के समान बने बर्तन में कुश से निर्मित अनंत की स्थापना की जाती है। इसके आगे कुंकूम, केसर या हल्दी से रंग कर बनाया हुआ कच्चे डोरे का चौदह गांठों वाला 'अनंत' भी रखा जाता है।  

ALSO READ: अनंत चतुर्दशी की प्रामाणिक एवं पौराणिक कथा
 
यूं तो यह व्रत नदी-तट पर किया जाना चाहिए और हरि की लोककथाएं सुननी चाहिए। लेकिन संभव ना होने पर घर में ही स्थापित मंदिर के सामने हरि से इस प्रकार की प्रार्थना की जाती है- 'हे वासुदेव, इस अनंत संसार रूपी महासमुद्र में डूबे हुए लोगों की रक्षा करो तथा उन्हें अनंत के रूप का ध्यान करने में संलग्न करो, अनंत रूप वाले प्रभु तुम्हें नमस्कार है।'

ALSO READ: क्या है अनंत में बंधी 14 गांठ का राज

ALSO READ: अनंत चतुर्दशी पर्व : जानिए कैसे करें व्रत और पूजन

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

अगस्त्य तारे को अर्घ्य देने का क्या है महत्व?

अमरनाथ की गुफा किसने खोजी और किसने शुरू की थी यात्रा, जानिए पौराणिक प्राचीन इतिहास

दही के इन आसान उपायों से मजबूत होता है शुक्र ग्रह: जानें कमजोर शुक्र के लक्षण और निवारण

वैशाख मास का महत्व और इस माह के अचूक 5 उपाय

बड़ी खबर: जगन्नाथ मंदिर के ध्वज को ले उड़ा गरुड़, अनहोनी की आशंका

सभी देखें

धर्म संसार

अमरनाथ यात्रा के बीच इन 5 कठिनाइयों का करना पड़ता है सामना

यीशु मसीह की 10 प्रमुख कहानियां और उनका संदेश

Aaj Ka Rashifal: दैनिक राशिफल 19 अप्रैल, आज का भाग्य आपके साथ है या नहीं? पढ़ें 12 राशियां

19 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

19 अप्रैल 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख