सावधान, भद्रा से पहले करें अनंत चतुर्दशी का पूजन

Webdunia
अगर आप भी अनंत चतुर्दशी पर हवन, पूजन और मंगल आयोजन करते हैं तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। इस दिन (5 सितंबर 2017) दोपहर तक ही चतुर्दशी तिथि है। इसके बाद रात तक भद्रा के कारण हवन-पूजन निषिद्ध है। सोमवार की शाम को प्रदोष काल से लेकर मंगलवार की दोपहर तक हवन तथा पूजन करना श्रेष्ठ होगा।

ALSO READ: अनंत चतुर्दशी पर अनंत धागा बांधें इस मंत्र के साथ
 
इस बार 5 सितंबर को दोपहर 12.40 बजे तक चतुर्दशी तिथि है और इसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। चूंकि पूर्णिमा को पितृ पक्ष की पहली तिथि माना जाता है, इसलिए मंगलवार को दोपहर बाद पूर्णिमा का श्राद्ध भी मनाया जाएगा।
 
प्रतिमाओं का विसर्जन पितृ पक्ष में किया जा सकता है, लेकिन हवन-पूजन नहीं किया जा सकता। इसे देखते हुए सोमवार की शाम से मंगलवार को दोपहर 12.40 से पहले हवन किया जा सकता है। दोपहर 12.40 के बाद भद्रा लग रही है। कुंभ राशि की भद्रा मृत्यु लोक में निवास करती है अतः इस अवधि में यानी दोपहर 12.40 से रात 12.45 बजे तक हवन-पूजन नहीं करना चाहिए।

ALSO READ: अनंत चतुर्दशी की प्रामाणिक एवं पौराणिक कथा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व

अगला लेख