मंगल प्रदोष रखने से उतर जाता है कर्ज और मिट जाता है मर्ज

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 29 सितम्बर 2020 (11:09 IST)
हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष का सोम प्रदोष, मंगलवार को आने वाला भोम भौम और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग-अलग है।
 
 
भौम प्रदोष : मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं। इस दिन स्वास्थ्य सबंधी सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन हनुमानजी की वि‍धिवत रूप से पूजा करना चाहिए।
 
 
प्रदोष व्रत फल : हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है। दोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्‍वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
 
प्रदोष कथा : प्रदोष को प्रदोष कहने के पीछे एक कथा जुड़ी हुई है। संक्षेप में यह कि चंद्र को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें मृत्युतुल्य कष्टों हो रहा था। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन:जीवन प्रदान किया अत: इसीलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। भौम प्रदोष की कथा हनुमानजी से जुड़ी हुई है। 

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