Biodata Maker

गोपाष्टमी 2019 : गाय के पौराणिक और धार्मिक महत्व, जानकर चौंक जाएंगे

अनिरुद्ध जोशी
दुनियाभर में और भी कृषि प्रधान देश हैं लेकिन वहां गाय को इतना पूजनीय नहीं माना जाता जितना की भारत में। इसके और भी कई कारण हैं। आओ जानते हैं गाय के धार्मिक पक्ष को।
 
गाय से संबंधित धार्मिक वृत व उपवासः-
1. गोपद्वम व्रतः- सुख, सौभाग्य, संपत्ति, पुत्र, पौत्र, आदि के सुखों को देने वाला है।
2. गोवत्स द्वादशी व्रतः- इस व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
3. गोवर्धन पूजाः- इस लोक के समस्त सुखों में वृद्धि के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. गोत्रि-रात्र व्रतः- पुत्र प्राप्ति, सुख भोग, और गोलोक की प्राप्ति होती है।
5. गोपाष्टमी व्रत:- सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।
6. पयोव्रतः- पुत्र की प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है।
 
गाय का पौराणिक और धार्मिक पक्ष:-
3. गुरु वशिष्ठ ने गाय के कुल का विस्तार किया और उन्होंने गाय की नई प्रजातियों को भी बनाया, तब गाय की 8 या 10 नस्लें ही थीं जिनका नाम कामधेनु, कपिला, देवनी, नंदनी, भौमा आदि था।
 
4. भगवान श्रीकृष्ण ने गाय के महत्व को बढ़ाने के लिए गाय पूजा और गौशालाओं के निर्माण की नए सिरे से नींव रखी थी। भगवान बालकृष्ण ने गाएं चराने का कार्य गोपाष्टमी से प्रारंभ किया था।
 
5. हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। कोटि का अर्थ करोड़ नहीं, प्रकार होता है। इसका मतलब गाय में 33 प्रकार के देवता निवास करते हैं। ये देवता हैं- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्‍विन कुमार। ये मिलकर कुल 33 होते हैं।
 
6. शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार कुछ पशु-पक्षी ऐसे हैं, जो आत्मा की विकास यात्रा के अंतिम पड़ाव पर होते हैं। उनमें से गाय भी एक है। इसके बाद उस आत्मा को मनुष्य योनि में आना ही होता है।
 
7. कत्लखाने जा रही गाय को छुड़ाकर उसके पालन-पोषण की व्यवस्था करने पर मनुष्य को गौ यज्ञ का फल मिलता है।
 
8. भगवान शिव के प्रिय पत्र ‘बिल्व पत्र’ की उत्पत्ति गाय के गोबर में से ही हुई थी।
 
9. ऋग्वेद ने गाय को अघन्या कहा है। यजुर्वेद कहता है कि गौ अनुपमेय है। अथर्ववेद में गाय को संपतियों का घर कहा गया है।
 
10. इस देश में लोगों की बोलियां खाने पीने के तरीके अलग हैं पर पृथ्वी की तरह ही सीधी-सादी गाय भी बिना विरोध के मनुष्य को सब देती है।
 
11. पौराणिक मान्यताओं व श्रुतियों के अनुसार, गौएं साक्षात विष्णु रूप है, गौएं सर्व वेदमयी और वेद गौमय है। भगवान श्रीकृष्ण को सार ज्ञानकोष गोचरण से ही प्राप्त हुआ।
 
12. भगवान राम के पूर्वज महाराजा दिलीप नन्दिनी गाय की पूजा करते थे।
 
13. गणेश भगवान का सिर कटने पर शिवजी पर एक गाय दान करने का दंड रखा गया था और वहीं पार्वती को भी गाय देनी पड़ी थी।
 
14. भगवान भोलेनाथ का वाहन नंदी दक्षिण भारत की आंगोल नस्ल का सांड था। जैन आदि तीर्थकर भगवान ऋषभदेव का चिह्न बैल था।
 
15. गरुड़ पुराण के अनुसार वैतरणी पार करने के लिए गौ दान का महत्व बताया गया है।
 
16. श्राद्ध कर्म में भी गाय के दूध की खीर का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसी खीर से पितरों की ज्यादा से ज्यादा तृप्ति होती है।
 
17. स्कंद पुराण के अनुसार ‘गौ सर्वदेवमयी और वेद सर्वगौमय हैं।' भगवान कृष्ण ने श्रीमद् भगवद्भीता में कहा है- ‘धेनुनामस्मि कामधेनु’ अर्थात मैं गायों में कामधेनु हूं। श्रीराम ने वन गमन से पूर्व किसी त्रिजट नामक ब्राह्मण को गाय दान की थी।

ALSO READ: आप नहीं जानते होंगे गौ माता के शुभ शकुन से जुड़ीं ये 11 बातें, जानें अचूक उपाय भी

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi deep daan: देव उठनी एकादशी पर कितने दीये जलाएं

यदि आपका घर या दुकान है दक्षिण दिशा में तो करें ये 5 अचूक उपाय, दोष होगा दूर

Dev Uthani Ekadashi 2025: देव उठनी एकादशी की पूजा और तुलसी विवाह की संपूर्ण विधि

काशी के मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख पर '94' लिखने का रहस्य: आस्था या अंधविश्‍वास?

Vishnu Trirat Vrat: विष्णु त्रिरात्री व्रत क्या होता है, इस दिन किस देवता का पूजन किया जाता है?

सभी देखें

धर्म संसार

Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव की जयंती: एकता, प्रेम और प्रकाश का अलौकिक सफर

Numerology Weekly Horoscope 2025: अंक ज्योतिष के अनुसार साप्ताहिक भविष्यवाणी, जानें कैसा रहेगा 3 से 9 नवंबर का समय

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (03 नवंबर, 2025)

03 November Birthday: आपको 3 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 03 नवंबर, 2025: सोमवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख