दशावतार व्रत : ऐसे करें पूजन, जानिए सरल विधि...

राजश्री कासलीवाल
* दशावतार व्रत : श्रीहरि विष्‍णु के पूजन से होगा कष्टों का निवारण 
 
हमारे पौराणिक शास्त्रों में दशावतार व्रत के संबंध में बताया गया है। यह व्रत प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी तिथि के दिन किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 31 अगस्त 2017, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन दशावतार व्रत का विधान बताया गया है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के 10 अवतारों की पूजा की जाती है।
 
आइए जानें कैसे करें पूजन- 
 
* प्रात: अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ एवं धुले हुए वस्त्र धारण करें। 
 
* अब दशावतार पूजन के लिए रोली, अक्षत, दीपक, पुष्प, माला, नारियल, नैवेद्य, कपूर, फल, गंगाजल, यज्ञोपवीत, कलश, तुलसी दल, श्वेत चंदन, हल्दी, पीत एवं श्वेत वस्त्र आदि सामग्री एकत्रित करके अपने पूजा स्थान में रखें। 
 
* तत्पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण करें। 
 
* भगवान श्रीहरि विष्णु की मूर्ति के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें। 
 
* अब उपरोक्त सामग्री से श्रीहरि विष्‍णु का पंचोपचार पूजन करें। 
 
* इस प्रकार दशावतार पूजन करके श्रीहरि विष्णु का ध्यान धरें। 
 
* इस दिन विष्णु मंत्र जाप, विष्णु सहस्रनाम, कीर्तन, स्मरण, दर्शन, विष्णु स्तोत्र आदि का पाठ अवश्य करना चाहिए। 
 
* इस दिन विष्णु की कथाओं का स्मरण करने का विशेष महत्व है अत: श्रीहरि के दशावातार की कथा अवश्‍य ही पढ़नी और सुननी अथवा दूसरों को सुनानी चाहिए। 
 
* श्रीहरि विष्णु का सर्वशक्तिशाली महामंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें। अपने सामर्थ्यनुसार 1, 5 या 11 माला अवश्य जपें। 
 
यह व्रत करने से हर मनुष्‍य के जीवन के सभी के कष्ट दूर होते हैं तथा यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति देने वाला व्रत माना गया है। जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से विष्‍णु का पूजन करके उनकी शरण लेता है, वह अवश्य ही जीवन के सभी पापों से मुक्ति पाकर मोक्ष को प्राप्त करता है तथा उनके जीवन की समस्त कठिनाइयां दूर होकर वह आनंदमय जीवन व्यतीत करता है। 
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू हो रही है केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा

51 शक्तिपीठों में से एक है कोलकाता का कालीघाट मंदिर, सोने से बनी है मां काली की जीभ

सभी देखें

धर्म संसार

23 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

23 मार्च 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

29 मार्च को शनि और राहु की युति से बन रहा है पिशाच योग, बचने के 10 उपाय

अगला लेख