मां धूमावती प्रकटोत्सव : इस देवी की क्या हैं विशेषताएं, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
मां धूमावती का प्रकटोत्सव ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को है। अग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जयंती 18 जून 2021 शुक्रवार को मनाई जाएगी। आओ जानते हैं माता धूमावती की क्या हैं विशेषताएं।
 
 
विशेषताएं :
1. प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)। माता धूमावती 10 महाविद्याओं में से एक सातवीं उग्र शक्ति हैं। 
 
2. माता धूमावती की उग्र साधना होती है। अघोरपंथ और तंत्रमार्ग के लोग माता धूमावती की साधना करके सिद्धियां प्राप्त करते हैं। चतुर्मास देवी का प्रमुख समय होता है जबकि इनकी साधना की जाती है।
 
3. कहते हैं कि धूमावती का कोई स्वामी नहीं है। इसलिए यह विधवा माता मानी गई है। मां धूमावती महाशक्ति स्वयं नियंत्रिका हैं। 
 
4. ऋग्वेद में रात्रिसूक्त में इन्हें 'सुतरा' कहा गया है। अर्थात ये सुखपूर्वक तारने योग्य हैं। 
 
5. सृष्टि कलह की देवी होने के कारण इन्हें कलहप्रिय भी कहा जाता है। देवी का मुख्य अस्त्र है सूप जिसमें ये समस्त विश्व को समेट कर महाप्रलय कर देती हैं। इन्हें अभाव और संकट को दूर करने वाली मां कहा गया है। 
 
6. देवी की साधना से जीवन में निडरता और निश्चिंतता आती है। इनकी साधना या प्रार्थना से आत्मबल का विकास होता है।
 
7. इनकी साधना से इस महाविद्या के फल से देवी धूमावती सूकरी के रूप में प्रत्यक्ष प्रकट होकर साधक के सभी रोग अरिष्ट और शत्रुओं का नाश कर देती है। प्रबल महाप्रतापी तथा सिद्ध पुरूष के रूप में उस साधक की ख्याति हो जाती है।
 
धूमावती का मंत्र : मोती की माला से नौ माला 'ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:' या ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्।। धूं धूं धूमावती ठ: ठ:। मंत्र का जाप कर सकते हैं। जप के नियम किसी जानकार से पूछें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

तिरुपति बालाजी मंदिर जा रहे हैं तो जानिए 5 खास बातें

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Neem Puja vidhi: कैसे करें नीम के पेड़ की पूजा कि होगा मंगल दोष दूर

lakshmi puja for wealth : लक्ष्मी पूजा का है ये सही तरीका, तभी माता होंगी प्रसन्न

24 मई 2024 : आपका जन्मदिन

24 मई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Guru ketu gochar : गुरु और केतु के नवपंचम योग से 3 राशियों को मिलेगा बड़ा फायदा

Narmada nadi : नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहने का कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

Vastu tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर में रखी हैं ये 5 चीजें तो तुरंत कर दें बाहर, धन की होगी हानि

अगला लेख