शारदीय नवरात्र : इस बार पितृपक्ष के एक महीने बाद क्यों शुरु होगा नवरात्र

Webdunia
मंगलवार, 1 सितम्बर 2020 (17:34 IST)
इस साल पितृ पक्ष के एक माह बाद शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। हर साल पितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्र प्रारंभ होते थे। क्योंकि इस बार श्राद्ध पक्ष के समाप्त होते ही अधिक मास लग जाएगा। इसलिए शारदीय नवरात्र करीब एक माह बाद शुरू होंगे। 
 
अधिकमास लगने से नवरात्र और पितृपक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जाएगा। लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है। इसलिए इस बार चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा। चातुर्मास लगने से विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस काल में पूजन पाठ, व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व होता है। 
 
इस दौरान देव सो जाते हैं और देवउठनी एकादशी के बाद ही देव जागृत होते हैं।

इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे। इसके अगले दिन अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत रखे जाएंगे। इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी। जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे। 
 
इसके बाद ही शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि शुरू होंगे। पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन माह का अधिकमास होगा। यानी दो आश्विन मास होंगे।

आश्विन मास में श्राद्ध और नवरात्रि, दशहरा जैसे त्योहार होते हैं। अधिकमास लगने के कारण इस बार दशहरा 26 अक्टूबर को दीपावली भी काफी बाद में 14 नवंबर को मनाई जाएगी।

ALSO READ: सितंबर 2020 क्यों है खास , जानिए कब है नवरात्रि, दशहरा और दीपावली

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या होता है मलमास, जानें कब तक रहेगा खरमास

दत्तात्रेय जयंती कब है, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

बांग्लादेश में कितने हैं शक्तिपीठ और हिंदुओं के खास मंदिर एवं तीर्थ?

Year Ender 2024: वर्ष 2024 में चर्चा में रहे हिंदुओं के ये खास मंदिर

साल 2025 में कब-कब पड़ेगा प्रदोष, जानें पूरे साल की लिस्ट

सभी देखें

धर्म संसार

16 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

16 दिसंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope 16 To 22 December 2024: नया सप्ताह कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

Aaj Ka Rashifal: 15 दिसंबर, रविवार का दिन कैसा बीतेगा, पढ़ें 12 राशियों का सटीक राशिफल

महाकुंभ में साधु-संतों ने निकाली पेशवाई, विदेशी और किन्नर अखाड़े बने आकर्षण का केंद्र

अगला लेख