मार्गशीर्ष मास का पहला गुरुवार होता है बहुत खास, जानिए राज, मां लक्ष्मी क्या देंगी वरदान

Webdunia
पूर्णिमा के अगले दिन से अगहन मास का प्रारंभ हो रहा है। अगहन माह में देवी भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है। अगहन मास के प्रथम गुरुवार First Thursday of Agahan Maas का पूजन 10 नवंबर 2022 गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन हर घर में धन की देवी मां लक्ष्मी जी का पूजन-अर्चन होगा।
 
अगहन मास का प्रारंभ हो गया है। अगहन माह में देवी भगवती की उपासना शुभ फलदायी होती है।
 
अगहन मास के प्रथम गुरुवार First Thursday of Agahan Maas का पूजन 10 नवंबर 2022 गुरुवार को किया जाएगा।
 
इस दिन हर घर में धन की देवी मां लक्ष्मी जी का पूजन-अर्चन होगा।
 
हिन्दू पंचांग के अनुसार इसे मार्गशीर्ष मास भी कहा जाता है।
 
अगहन मास में गुरुवार के पूजा की तैयारी कई घरों में बुधवार शाम से ही शुरू हो जाती है।
 
इस दौरान हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। 
 
मां को प्रसन्न करने की इच्छा से घर के द्वार पर दीपों से रोशनी होगी, घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल के आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनाई जाएंगी। 
 
प्रथम गुरुवार को इन अल्पनाओं में मां लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाएंगे।
 
तत्पश्चात मां लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजाया जाएगा और कलश की स्थापना कर मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी तथा विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। 
 
मान्यता है कि अगहन महीने के गुरुवारी पूजा में मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने से उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है।
 
गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू हो जाता है। 
 
इस अवसर पर आस-पड़ोस की महिलाओं, बहू-बेटियों को प्रसाद खाने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है। बुधवार शाम से लेकर गुरुवार की शाम तक गुरुवारी पूजा की धूम रहेगी।
 
सभी अपने-अपने तरीके से मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जतन करेंगे ताकि अगहन मास में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो, सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहे।तत्पश्चात शाम होते ही मां लक्ष्मी के सिंहासन को आम, आंवला और धान की बालियों से सजाया जाएगा और कलश की स्थापना कर मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।
 
गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू होता है।
 
इस प्रकार अगहन/मार्गशीर्ष माह में हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके मां आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। 
Agahan Thursday Laxmi Puja : अगहन माह के पहले गुरुवार को करें मां लक्ष्मी की स्थापना और पूजा
 
10 नवंबर 2022 को अगहन मास का पहला गुरुवार है। इस दिन मां लक्ष्मी की स्थापना और पूजा की परंपरा है। मान्यता है कि तुलसी और लक्ष्मी की पूजा पूरे अगहन माह या फिर इस माह के गुरुवार को एक साथ करने और अन्न दान करने से लक्ष्मी खुश होती हैं और उनके आगमन के बाद उनका स्थायित्व बना रहता है। अगहन के हर गुरुवार को लक्ष्मी की पूजा होती है।
 
इसके संदर्भ में सनातन धर्म में भी उल्लेख किया गया है। ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता है कि अगहन गुरुवार को अगर सुहागिनें बुधवार की रात घर की साफ-सफाई करने के बाद निष्ठा से लक्ष्मी की उपासना करें तो वे प्रसन्न होकर उपासक के घर स्थायी तौर पर आती हैं। इस परंपरा का निर्वाह आज के दौर में भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ किया जाता है। सुहागन यह व्रत करने के बाद घर की लक्ष्मी को खर्च करने से परिवार के लोगों को रोकती हैं।
 
इस माह जो सुहागन लक्ष्मी की श्रद्धा से उपासना करती हैं, उनके घर में धन के साथ खुशहाली आती है। साथ ही लक्ष्मी और तुलसी साथ में पूजी जाती है। इसके चलते परिवार में लक्ष्मी का वास हमेशा रहता है।
 
इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाएगी और घर के द्वार पर दीपों से रोशनी की जाएगी। इस दिन महिलाएं व्रत रख सुबह ही पूजा कर लेती हैं तथा दोपहर में अगहन बृहस्पतिवार की कहानी सुनी जाती है।
जेम्स वेब टेलीस्कोप की ली हुई बृहस्पति की अद्भुत तस्वीरें हो रही हैं वायरल, जानिए कैसा दिखा ग्रह का नज़ारा
 
इस दिन महिलाएं हर घर के मुख्य द्वार से लेकर आंगन और पूजा स्थल तक चावल आटे के घोल से आकर्षक अल्पनाएं बनाएंगी। इन अल्पनाओं में मां लक्ष्मी के पांव विशेष रूप से बनाए जाएंगे। इसके बाद गुरुवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही मां लक्ष्मी की भक्तिभाव के साथ पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद उन्हें विशेष प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। अगहन महीने के गुरुवारी पूजा में मां लक्ष्मी को प्रत्येक गुरुवार को अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ALSO READ: गुरुवार को ये 11 दान होते हैं बहुत शुभ, जानिए अभी

ALSO READ: गुरुवार को ये 3 कार्य बिलकुल न करें और ये 3 कार्य जरूर करें
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

गंगा सप्तमी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

नरेंद्र मोदी के सितारे 2028 तक बुलंद, भाजपा की सीटें हो सकती हैं 320 के पार

मंगल राहु की युति से बना अंगारक योग, कोई हो जाएगा कंगाल और कोई मालामाल

अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

प्राचीन भारत में भी होती थी लव मैरिज, ये थे हिंदू नियम

Aaj Ka Rashifal: कैसा बीतेगा आज आपका दिन, जानें 03 मई का राशिफल क्या कहता है

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

एकादशी पर श्रीहरि विष्णु के साथ करें इन 3 की पूजा, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास हो जाएगा

03 मई 2024 : आपका जन्मदिन

03 मई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख