गोगा पंचमी पूजन के शुभ मुहूर्त, विधि महत्व, कथा और उपाय
प्रतिवर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को गोगा पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष गोगा पंचमी का पर्व 27 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन गोगा देव और नाग देवता की पूजा करने की मान्यता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गोगा पंचमी के दिन जाहरवीर गोगा जी का पूजन-अर्चन करने से गोगा जी महाराज सर्पदंश से हमारी रक्षा करते हैं।
गोगा पंचमी के 4 दिन पश्चात ही भाद्रपद कृष्ण नवमी को गोगा नवमी का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार काफी प्रसिद्ध है। इस दिन गोगा जाहरवीर की पूजा के साथ में नाग देवता की भी विधिवत अर्चना करनी चाहिए।
महिलाओं द्वारा गोगा पंचमी के दिन व्रत रखने से गोगा देव और नाग देवता की पूजा से वे सौभाग्यवती होती हैं और उनके सुहाग की विपत्तियों से रक्षा होती है। इतना ही नहीं गोगा देव उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। जनमानस में प्रचलित मान्यता के कारण इस दिन गोगा देव और नाग देवता की पूजा विशेष तौर पर की जाती है। इस दिन पूजन के दौरान गोगा देव और नाग देवता पर दूध अर्पित करना चाहिए।
इस त्योहार की यह मान्यता है कि गोगादेव बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं अत: माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए गोगा देव की पूजा करती हैं तथा बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इतना ही नहीं, इस दिन अगर नि:संतान महिलाएं गोगादेव का पूजन करें तो उनकी गोद भी जल्दी ही संतान सुख से भर जाती है।
पूजन सामग्री-
* रौली
* मौली
* चावल
* गेरू
* कच्चा दूध
* एक लोटा जल
* बाजरा
* आटा
* घी
* चीनी
* मिठाई
पूजन विधि-
* गोगा पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें।
* इसके बाद सूर्य भगवान को जल से अर्घ्य दें और पीपल व तुलसी में जल चढ़ाएं।
* अब दीवार को साफ-सुथरी करके गेरू से पुताई करें।
* अब कच्चे दूध में कोयला मिलाकर पुती दीवार पर चौकोर नुमा आकृति बना दें।
* उसके ऊपर गेरू, रोली तथा कोयला मिक्स करके 5 सर्प या सांप बनाएं।
* उसके बाद सर्प की जो आकृतियां आपने बनाई है, उस पर कच्चे दूध, पानी से अभिषेक करें और रोली व चावल अर्पित करें।
* फिर बाजरा, आटा, घी और शकर मिलाकर प्रसाद चढ़ाएं।
* पूजन के बाद मंत्र- 'ॐ नम: शिवाय' का जाप जरूर करें। कम से कम एक माला जाप करें।
* ब्राह्मण को दक्षिणा आदि भी प्रदान करें।
पति और संतान को लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला यह व्रत नि:संतान महिलाएं की सूनी गोद भी जल्दी ही संतान सुख से भर देते हैं।
गोगा पंचमी के दिन बहन अपने भाई को टीका लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और स्वयं चना और चावल का बना हुआ बासी भोजन ग्रहण करती है, जो कि एक दिन पहले ही बना लिया जाता है। फिर भाई अपने बहनों को क्षमतानुसार रुपए या गिफ्ट भेंट स्वरूप देते हैं।
गोगा पंचमी पूजन के शुभ मुहूर्त-
वर्ष 2021 में 27 अगस्त, शुक्रवार को गोगा पंचमी मनाई जा रही है। भाद्रपद कृष्ण पंचमी तिथि शाम को 6:48 मिनट से शुरू होकर शनिवार, 28 अगस्त रात्रि 8.56 मिनट पर समाप्त होगी।
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