हरतालिका तीज के दिन क्या करती हैं महिलाएं, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
भाद्रपद शुक्ल तीज को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा और आराधना करती है। कहते हैं कि माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से होकर हरतालिका तीज को समाप्त होती है। यह व्रत उत्तर भारत में खासा प्रचलित है। आओ जानते हैं हरतालिका तीज के दिन क्या करती हैं महिलाएं। 
 
1. हरतालिका तीज के दिन महिलाएं मेंहदी लगाती हैं और 16 श्रृंगार करती हैं।
 
2. इस दिन महिलाएं हरा लहरिया या चुनरी में गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और खुशियां मनाती हैं।
 
3. हरतालिका तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सामान्य व्रत रखती हैं।
 
4. हरतालिका तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है और महिलाएं इसमें शामिल होती हैं। परंतु आजकल यह प्रचलन कम हो चला है।
 
5. आस्था, सौंदर्य और प्रेम का यह त्योहार हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है। सभी महिलाएं भी इस दिन से व्रत की शुरुआत करती हैं जो हरितालिका तीज तक चलता है परंतु आजकल बस दो दिन ही व्रत रखते हैं हरियाली तीज और हरितालिका तीज। हरितालिका तीज का व्रत कठिन होता है जिसमें जागरण भी करना होता है।

6. इस दिन महिलाएं मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाकर सुबह से लेकर रातभर पूजन, भजन करती हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Gupta navaratri: माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब से होगी प्रारंभ, क्या है इसका महत्व?

षटतिला एकादशी व्रत करने का क्या है फायदा? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Kumbh mela 2025: मौनी अमावस्या कब है, क्या है इस दिन कुंभ स्नान का महत्व?

तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं

महाकुंभ में संगम को अखाड़ों से जोड़ रहे ढाई हजार साल पुरानी फारसी तकनीक से बने पीपे के पुल

सभी देखें

धर्म संसार

23 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

23 जनवरी 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

कुंभ मेला 2025: महाकुंभ और युद्ध का क्या है संबंध?

सीमा हैदर प्रयाग महाकुंभ में चढ़ाएगी 51 लीटर गाय का दूध, पाकिस्तानी पति झल्लाया

Vastu tips : घर के वास्तु का क्या पड़ता है कुंडली के ग्रहों पर असर?

अगला लेख