गोगा पंचमी कब है क्यों मनाई जाती है? क्या आप जानते हैं गोगादेव को?

अनिरुद्ध जोशी
भाद्रपद की कृष्ण पंचमी को गोगा पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जो नवमी तक चलता है। नवमी के दिन खास त्योहार रहता है। आओ जानते हैं कि कब है गोगा पंचमी और कौन है गोगादेव महाराज। आखिर क्यों मनाया जाता है यह त्योहार।
 
कब है गोगा पंचमी : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार गोगा पंचमी 16 अगस्त मंगलवार के दिन रहेगी, जबकि नवमी 20 अगस्त 2022 के दिन रहेगी।
 
क्यों मनाई जाती है गोगा पंचमी : 
 
1. पंचमी की तिथि नागदेवता की तिथि है। इस दिन गोगादेव और नागदेवता की पूजा की जाती है। गोगा पंचमी के दिन जाहरवीर गोगाजी की पूजा करने से गोगाजी महाराज सर्प के काटने से हमारी रक्षा करते हैं।
 
2. मान्यता है कि गोगादेव बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं। माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए गोगादेव की पूजा करती हैं तथा बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। 
 
3. ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन अगर नि:संतान महिलाएं गोगादेव का पूजन करें तो उनकी गोद भी जल्दी भर जाती है। 
 
4. इस व्रत के करने से स्त्रियां सौभाग्यवती होती हैं। उनके पतियों की विपत्तियों से रक्षा होती है और मनोकामना पूरी होती है। 
 
5. इस दिन बहनें भाइयों के मस्तक पर टीका कर उन्हें मिठाई खिलाती हैं तथा स्वयं चना और चावल का बना हुआ बासी भोजन करती हैं। बदले में भाई यथाशक्ति बहनों को द्रव्य उपहार आदि भेट करते हैं। इस पर्व को भाई भिन्ना पर्व भी कहते हैं।
 
6. इस दिन पूजा के पूर्व दीवार को साफ-सुथरी करके गेरू से पोतकर दूध में कोयला मिलाकर चौकोर चौक बनाया जाता है। उसके ऊपर 5 सर्प बनाए जाते हैं। फिर उसके बाद कच्चा दूध, पानी, रोली व चावल अर्पित किए जाते हैं तथा बाजरा, आटा, घी और शकर मिलाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है।
 
गोगा नवमी क्यों मनाई जाती है? : इस दिन श्री जाहरवीर गोगा जी का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
 
कौन है गोगादेवजी : 
1. गोगादेवजी जाहरवीर (950 ईस्वी) चौहान वंश में जन्मे ये राजस्थान के प्रसिद्ध चमत्कारिक सिद्ध पुरुष हैं।
 
2. शहीद गोगाजी राजस्थान के लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए हैं। 
 
3. गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था।
 
4. लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। 
 
6. यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है।
 
7. नुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित गोगाजी का समाधि स्थल जन्म स्थान से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है। 
 
8. इतिहासकारों के अनुसार गोगादेवजी अपने बेटों सहित मेहमूद गजनबी के आक्रमण के समय सतलुज के मार्ग की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे

Buddha purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा शुभकामना संदेश

Navpancham Yog: सूर्य और केतु ने बनाया बेहतरीन राजयोग, इन राशियों की किस्मत के सितारे बुलंदी पर रहेंगे

Chankya niti : करोड़पति बना देगा इन 4 चीजों का त्याग, जीवन भर सफलता चूमेगी कदम

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

भगवान श्री बदरीनाथजी की आरती | Shri badrinath ji ki aarti

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

23 मई 2024 : आपका जन्मदिन

श्री बदरीनाथ की स्तुति | Badrinath ki stuti

23 मई 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख