श्रीहरि विष्णु की कृपा चाहिए तो करें कार्तिक मास में साधना...

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* विष्णु उपासना का महीना है कार्तिक मास... 
 

 
शरद पूर्णिमा के तुरंत बाद कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है जो महीने भर पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान के बाद भगवान विष्णु की विशेष साधना-आराधना के साथ मनाया जाता है।  
 
भारतीय सनातन उपासना में जहां प्रत्येक दिन और महीना किसी न किसी व्रत उपासना से जुड़ा हुआ है। वहीं पूरे महीने भर की जाने वाली साधना एवं उपासना के लिए कार्तिक मास बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। 
 
मंदिरों में प्रातःकालीन पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु तुलसी के पौधे के पास बैठकर कार्तिक महात्म्य सुनते हैं। कहा जाता है कि ज्यों-ज्यों सूर्य की गर्मी प्रतिदिन कम होने लगती है और मार्गशीर्ष लगने तक पूरी तरह जाड़े की ऋतु शुरू हो जाती है। उसी प्रकार कार्तिक स्नान पूजा-अर्चना मनुष्य की काम, क्रोध आदि की बाधाओं को शांत करते हुए मन को पूरी तरह भगवान विष्णु की भक्ति में लगा देते हैं। 
 
प्रायः सभी सनातन धर्म मंदिरों में कार्तिक महात्म्य की कथा पूरे महीने भर चलती है जिसमें विद्वान ब्राह्मणों द्वारा आत्म संयम, सौहार्द, दान-पुण्य एवं परोपकार से जुड़े हुए कथा प्रसंग विशेष प्रकार से सुनाए जाते हैं। 
 
अनेक मंदिरों में कार्तिक मास में विशेष पूजा-उपासना एवं कथा प्रवचनों का क्रम चलता रहता है। 

 
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