10 मई से शुरू होने जा रहा है Kerela का सबसे बड़ा Thrissur Pooram Festival, जानिए सारी जानकारी

Webdunia
प्रथमेश व्यास 
पूरम फेस्टिवल करेला के त्रिशूर शहर के वडक्कुनाथन मंदिर में प्रतिवर्ष बड़ी धूम-धाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। इसका इतिहास 200 वर्ष पुराना है और इसे भारत के सबसे पुराने टेम्पल फेस्टिवल्स में से एक माना जाता है। इस वर्ष भी ये फेस्टिवल 10 मई से आयोजित होने जा रहा है। ये त्योहार कोच्चि के महाराजा सकथान थंपुरम ( 1790-1805 ) के द्वारा शुरू किया गया था, जो तत्कालीन कोच्चि के एक शक्तिशाली शासक थे। इसका आयोजन केरल के टूरिज्म डिपार्टमेंट और केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के समग्र प्रयासों द्वारा किया जाता है। 
 
इसे केरल के 10 मुख्य मंदिरों में आयोजित किया जाता है (परमेक्कावु, थिरुवंबाडी कनिमंगलम, करमुक्कू, लालूर, चूराकोट्टुकरा, पानामुक्कमपल्ली, अय्यनथोल, चेम्बुक्कावु, नेथिलकावु)। आइए जानते हैं, त्रिशूर के पूरम फेस्टिवल के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
 
1. त्रिशूर पूरम की शुरुआत ध्वजारोहण समारोह (कोडियेट्टम) से होती है जो त्योहार से सात दिन पहले होता है। 
 
2.  त्रिशूर पूरम में हाथी बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्हें नेट्टीपट्टम (सजावटी सुनहरे आभूषण) से सजाया गया है, जो सजावटी घंटियों और गहनों से तैयार की गई हैं।
 
3. पूरम की आतिशबाजियां भी बहुत प्रसिद्द है। कुल 2 आतिशबाजियां होती है, जिनमे से एक ध्वजारोहण के 4 दिन बाद होती है और एक मुख्य पूजा के दिन।
 
4. मुख्य त्योहार की यात्रा प्रातःकाल सबसे बड़े मंदिर से शुरू होती है, जिसका स्वागत अन्य 9 मंदिरों के सामने उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा किआ जाता है। 
 
5. सिर्फ एक दिन का आयोजन होने के बाद भी पूरम का त्योहार हजारों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। 
 
6. त्रिशूर के पूरम फेस्टिवल की संगीतमय प्रस्तुतियां इसके मुख्य आकर्षणों में से एक है। जिसमें मद्दलम, एडक्का, थिमिला, चेंडा और कोम्बू जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है। 
 
7. हालांकि यह एक हिंदू त्योहार है, फिर भी मुस्लिम और ईसाई समुदाय विभिन्न तरीकों से इसमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
 
8. पूरम का अंतिम दिन, जो सातवां दिन होता है, 'पाकल पूरम' कहलाता है। इस दिन थिरुवंबाडी श्री कृष्ण मंदिर और परमेक्कावु भगवती मंदिर की मूर्तियों को मुख्य द्वार से उनके संबंधित मंदिरों में पूरम उत्सव के अंत को चिन्हित करने के लिए ले जाया जाता है।
 
त्रिशूर पूरम फेस्टिवल 2022 - कब, कहाँ और कैसे पहुंचे? 
 
अपने परिवार या दोस्तों के साथ इस वर्ष पूरम फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए आप भी केरेल के त्रिशूर जा सकते हैं, जहां से मुख्य मंदिर की दूरी कुछ ही किलोमीटर है। त्रिशूर शहर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कोचीन में स्थित है। इसके अलावा आप ट्रैन या बस के माध्यम से भी त्रिशूर पहुंच सकते हैं। पूरम फेस्टिवल 2022 का आयोजन 10 मई से शुरू होने जा रहा है, जो एक हफ्ते तक चलेगा। इसके अलावा पूरम फेस्टिवल से सम्बंधित कोई भी जानकारी आप केरल टूरिज्म की आधिकारिक वेबसाइट से जाकर ले सकते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

2025 में करें राशि के अनुसार लाल किताब के अचूक उपाय और सावधानियां, पूरा वर्ष रहेगा शुभ और सफल

Lal Kitab Rashifal 2025: मीन राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और उपाय

Tarot Card Predictions 2025: टैरो कार्ड राशिफल 2025, जानिए कैसा रहेगा मिथुन राशि का भविष्‍य

कुंभ से लाई गई ये चीजें घर में लाती हैं समृद्धि और सुख

Varshik rashifal 2025: वार्षिक राशिफल 2025, जानें आपके भविष्य का पूरा हाल

सभी देखें

धर्म संसार

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्‍मीद

30 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

30 दिसंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

weekly muhurat : नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त, जानें 30 दिसंबर से 05 जनवरी 2025 तक

Weekly Horoscope : कैसे बीतेंगे दिसंबर और जनवरी माह के पहले 7 दिन, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (30 Dec To 05 January 2025)

अगला लेख