Festival Posters

लवकुश जयंती 2021 क्यों मनाई जाती है?

Webdunia
Luv Kush Jayanti 2021
 
- राजश्री कासलीवाल
 
इस वर्ष रविवार, 22 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के लवकुश जयंती मनाई जा रही है। इसी दिन रक्षाबंधन पर्व भी मनाया जाता है। भारत के कई स्थानों में लवकुश जयंती बहुत ही उल्लासपूर्वक मनाई जाती है। प्रुभ श्रीराम के सुपुत्र लव और कुश के जन्म के खुशी में भारत वर्ष में लवकुश जयंती मनाई जाती है। लवकुश मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और माता सीता के पुत्र जुड़वा भाई थे। कुशवाह समुदाय का मानना है श्रावण पूर्णिमा के दिन उनके पूर्वज लव और कुश का जन्म हुआ था। कुशवाहा समाज लवकुश का जन्मोत्सव मनाकर गौरवान्वित होते हैं। इस दिन कुशवाहा समाज द्वारा लवकुश की झांकी निकालने के साथ ही उनके नाम के जयकारे लगाते हैं तथा मिठाई वितरित की जाती है।
 
लवकुश की कहानी रामचरितमानस या रामायण के उत्तरकांड में मिलती है। उत्तरकांड में लव और कुश द्वारा अपने माता-पिता राम और सीता को मिलाने की बहुत ही मार्मिक कथा का वर्णन है। जिसमें राम के अयोध्या में लौटने के बाद और सीता के अग्निपरीक्षा के बाद की कहानी का वर्णन है। 
 
मान्यतानुसार माता सीता को जब रावण उठाकर ले गया था और प्रभु श्रीराम रावण पर विजय प्राप्त करके सीता माता को वापस अयोध्या लेकर आएं, तब प्रजा के बीच चल रही वा‍र्तालाप सुनकर और प्रभु श्रीराम का सम्मान प्रजा के बीच बना रहे इसके लिए उन्होंने अयोध्या का महल छोड़ दिया और वन में जाकर वे वाल्मीकि आश्रम में रहने लगीं। तब वे गर्भवती थीं और इसी अवस्था में उन्होंने अपना घर छोड़ा था। फिर वाल्मीकि आश्रम में उन्होंने लव और कुश नामक 2 जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। वहां वे माता वनदेवी (सीता) के नाम से रहीं और उनसे लव कुश को बहुत अच्छे गुण प्राप्त हुए थे। महर्षि वाल्मीकि आश्रम में गुरु से शिक्षा प्राप्त लवकुश धनुष विद्या में निपुण हो गए थ। वे शास्त्र के जानकार और शस्त्र चलाने में भी निपुण थे। उन्होंने युद्ध में अपने चाचाश्री को भी पराजय कर दिया था। उस दौरान उन्हें यह तक ज्ञात नहीं था कि उनके प्रभु श्रीराम उनके पिता हैं।
 
एक बार प्रभु श्रीराम ने अश्वमेध यज्ञ किया और अश्व (घोड़ा) छोड़ दिया। घोड़ा जिस-जिस देश और जहां-जहां जाता था, वहां के राजा अयोध्या की अधिनता स्वीकार कर लेते थे, ऐसे ही यह अश्व भटकते हुए जंगल में आ गया। जहां लवकुश ने उसे पकड़ लिया, जिसका अर्थ था कि अयोध्या के राजा को चुनौती देना।
 
जब श्रीराम को पता चला कि किन्हीं दो सुकुमारों ने उनका अश्व पकड़ लिया तो पहले दूत भेजे, पर जब लव और कुश घोड़ा छोड़ने को तैयार नहीं हुए और उन्होंने भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण के साथ युद्ध किया और सभी पराजित करके लौटा दिया। यह देखकर श्रीराम को खुद लव-कुश से युद्ध करने आना पड़ा, लेकिन युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला।

तब राम ने दोनों बालकों की योग्यता देखते हुए उन्हें यज्ञ में शामिल होने का निमंत्रण दिया। तब अयोध्या पहुंच कर लवकुश ने राम गाथा का गुणगाण करके दरबार में माता सीता की व्यथा कथा गाकर सुनाई। तब वहां उपस्थित सभी के आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। तब यह सुन और उनकी वीरता देखकर प्रभु श्रीराम को पता चला कि लवकुश उनके ही बेटे हैं। उन्हें बहुत दुख हुआ और वे सीता को पुन: अयोध्या ले आए।
 
प्रभु श्रीराम जिन्हें दुनिया में पूजा जाता है, उतना ही महत्व लवकुश जयंती को भी दिया जाता है और उनको पूजा जाता है। अत: मिथिलांचल के क्षेत्रों में कुशवाहों द्वारा श्रावण मास की पूर्णिमा को लवकुश जयंती बड़ी धूमधाम से और एक त्योहार के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। ये समाजजन लवकुश जयंती के माध्यम से अपने नई पीढ़ियों को उनके जैसा संस्कारी, शिक्षित और पराक्रमी बनने का संदेश देते हैं और लवकुश के गुणों का वर्णन करते हैं। 

ALSO READ: रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? 10 पौराणिक मान्यताएं

ALSO READ: रक्षाबंधन 2021 : भाई की राखी का कौन सा हो रंग, जीवन में बनी रहेगी उमंग

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Vivah Panchami upaay : विवाह पंचमी पर किए जाने वाले 5 मुख्य उपाय

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Margashirsha Month 2025: आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में करें ये 6 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Lal Kitab Mithun Rashifal 2026: मिथुन राशि (Gemini)- शनि कराएगा कड़ी मेहनत और गुरु देगा उसका अप्रत्याशित फल

Margashirsha Amavasya: मार्गशीर्ष की अमावस्या पर करें 5 अचूक उपाय, होगा बहुत ही शुभ लाभ

Sathya Sai Baba Jayanti 2025: सत्य साईं बाबा क्यों प्रसिद्ध हैं? जानें जीवन परिचय और प्रमुख घटनाएं

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (19 नवंबर, 2025)

19 November Birthday: आपको 19 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

अगला लेख